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पृष्ठ:राजस्ठान का इतिहास भाग 2.djvu/१४४

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से कुछ पूछा था और न सामन्तों से कुछ बातचीत की। केवल अपने अधिकारियों के बल पर बालक मोहनसिंह को लेकर उसने जगतसिंह का दाह-संस्कार कराया और उसके बाद दूसरे दिन मोहनसिंह को मानसिंह के नाम से सिंहासन पर बिठाकर कछवाहों का राजा बना दिया। इसके बाद जयपुर की राजधानी में जो सामन्त उपस्थित थे, उनकी सम्मति लेकर उसने राज्य की मोहर लगाने का प्रयास किया। उस समय उसके पक्षपाती सामन्त ही वहाँ पर मौजूद थे। लेकिन उन लोगों ने भी इसे पसन्द न किया और उन लोगों ने सोच-समझकर ऐसा कर दिया, जिससे बालक मोहन के अभिषेक में न तो उनकी सम्मति जाहिर होती थी और न उनका विरोध ही प्रकट होता था। इसका परिणाम यह हुआ कि कुछ समय तक उस अभिषेक के सम्बन्ध में किसी ओर से आलोचना न हो सकी। जो लोग इस कार्य को नाजिर की अधिकार चेष्टा समझते थे, वे भी कुछ न कहकर ईस्ट इण्डिया कम्पनी की प्रतीक्षा कर रहे थे। वे चाहते थे कि कम्पनी के अधिकारी नाजिर के इस कार्य मे दखल दें। नाजिर वहुत समझदार था। विरोधी अवसरो को वह अनुकूल बनाना जानता था। दिल्ली में अंग्रेज रेजीडेन्ट को उसने अपना एक प्रार्थना-पत्र भेजा। उसके अनुसार कम्पनी की तरफ से एक कर्मचारी जयपुर राज्य मे आया। राजा जगतसिंह की मृत्यु के बाद छः दिन बीत चुके थे। कम्पनी ने अपने उस कर्मचारी के द्वारा निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर प्राप्त करने की कोशिश की थी 1. नरवर राज्य के वालक मोहनसिंह को जयपुर राज्य का अधिकारी किस प्रकार बनाया गया? 2. मोहनसिंह के वंश का विवरण क्या है? 3. मोहनसिह के वंश का जयपुर राज्य के राजवंश से क्या सम्बन्ध है? 4 वालक मोहनसिंह के पूर्वजो की नामावली और उसके सम्बन्ध में आवश्यक विवरण। 5 मोहनसिंह को इस राज्य के सिहासन पर बैठने का अधिकार कैसे मिला और उसके इस अधिकार को किस आधार पर स्वीकार किया गया? 6. इस बात का कैसे निर्णय हुआ कि बालक मोहनसिंह इस राज्य के सिंहासन पर बैठने का अधिकारी है। 7 जिनके द्वारा इस प्रकार का निर्णय हुआ, उनका नाम और परिचय। 8 अभिपेक के सम्बन्ध मे अन्त:पुर की रानियों से क्या परामर्श किया गया और यदि किया गया तो उसका प्रमाण क्या है? १ इस बालक को सिंहासन पर विठाने के लिए कितने सामन्तो ने सम्मति दी और अभिषेक के समय समारोह मे भाग लिया? 10 जिनकी सम्मतियो और परामर्शो से बालक मोहनसिंह को सिहासन पर विठाया गया, क्या उनके हस्ताक्षर लिये गये और यदि लिये गये तो वे कहाँ हैं? 11 क्या अभिपेक समारोह में राज्य की समस्त प्रजा और उसके प्रतिष्ठित लोगों को आमन्त्रित किया गया? नाजिर ने अंग्रेज रेजीडेन्ट के पास प्रार्थना-पत्र भेजकर उसको अपने अनुकूल बनाये रखने का प्रयास किया, लेकिन रेजीडेन्ट ने कम्पनी की तरफ से एक कर्मचारी भेजा। उसने 136