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पृष्ठ:राजस्थान का इतिहास भाग 1.djvu/६२

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मारे जाने की स्थिति में पहुँच गया था। इस बात के उल्लेख भी पाये जाते हैं कि पृथ्वीराज का इकलौता बेटा रेणसी चामुंडराय की बहन से पैदा हुआ था परन्तु वह दिल्ली में मुसलमानों का अधिकार होने के पहले ही मर गया था। जंगलों में रहने वाली जातियाँ - बागरी, मेर काबा, मीना, भील, सेरिया, थोरी, खाँगर, गौड, भाड़ा, जॅवर और सरूद। कृषक चरवाहा जातियाँ अभीर अथवा अहीर, ग्वाला, कुर्मी, कुलम्वी, गूजर और जाटा व्यवसायिक चौरासी जातियाँ श्री श्रीमाल, श्रीमाल, ओसवाल, बगैरवाल, डौंडू पुष्करवाल मेरतावाल, हर्मोरूह, सूरूरवाल पल्ली वाल भम्बू, खंडेलवाल, केदरवाल, डीसावल, गूजरवाल, सोहरवाल, अग्रवाल, जाइलवाल, मानतवाल, कजोटीवाल, कोर्टवाल, चेत्रवाल, सोनी, सोजतवाल, नागर मोड, जल्हेरा लाड कापोल, खेरता, दसोरा, बरूड़ी, बम्बरवाल, नागद्रा करबेरा, भटेवरा, मेवाड़ा, नरसिंहपुरा, खतरेवाल, पंचमवाल, हुनरवाल; सरकैरा, वैश्य, स्तुखी, कम्बोवाल, जीरागवाल, भगेलवाल, ओरचितवाल, बामणवाल, प्रगौड़, ठाकुरवाल, बालमीवाल, टिपोरा, टीलोना, अतवर्गी, लादिसका, बदनोरा, खीचा, गुसोरा, बाओसर, जाइमा, पदमोरा, मेहेरिया, ढाकरवाल, मंगोरा, गोयलवाल, चीतोड़ा, काकलिया, मौहरवाल, भारेजा, अन्दोरा, साचोरा, दूंगरवाल, मन्दइलू, ब्रामड़िया, बागड़िया, डोंजोरिया, बोरवाल, सोरबिया, नपाग और नागोरा, दो नाम अज्ञात। 62