पृष्ठ:राजस्थान का इतिहास भाग 1.djvu/७

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

1 प्रस्तावना इस बात पर सभी लोग आम तौर पर विश्वास करते हैं कि भारतवर्ष का कोई इतिहास नहीं है। लेकिन यह बात सही नहीं है। क्योंकि अवुल फजल ने अपनी ऐतिहासिक पुस्तक में हिन्दुओं के प्राचीन इतिहास का वर्णन किया है। यदि हिन्दुओं का कोई इतिहास नहीं था तो उसे वह सामग्री कहाँ से मिली । मिस्टर विलसन ने राजतरंगिणी नामक काश्मीर के इतिहास का अनुवाद करके लोगों के भ्रम को बहुत कुछ मिटाने का काम किया है। हिन्दुओं के इस प्रकार के ग्रन्थ इस बात का प्रमाण देते हैं कि इतिहास लिखने की परिपाटी से प्राचीन काल में हिन्दू अपरिचित न थे। खोजने के बाद इस वात का भी पता चलता है कि प्राचीनकाल में हिन्दुओं के पास आज की अपेक्षा ऐसी अधिक पुस्तकें थीं, जो प्राचीन काल के हिन्दुओं के इतिहास को संग्रह करने में मदद कर सकती थीं। कोलबुक, विलकिन्सन, विल्सन और दूसरे विद्वानों ने भारतवर्ष के ऐतिहासिक साहित्य को संसार के सामने लाने का बहुत कुछ काम किया है फिर भी संसार का कोई भी विद्वान इस बात का दावा नहीं कर सकता कि वह भारत के ऐतिहासिक विज्ञान के दरवाजे तक पहुँचने के सिवा कुछ अधिक काम कर सकता है। भारत के अनेक भागों में विशाल पुस्तकालय जो मुसलमान आक्रमणकारियों के विध्वंस से वच गये अब तक मौजूद हैं और उनके हजारों ग्रन्थ आज भी देखने को मिलते हैं। इतना सब होने पर भी, इस देश में ऐतिहासिक ग्रन्थों का यदि अभाव है तो उसका कारण है। यह मानना पड़ेगा कि प्राचीन काल में हिन्दू एक सभ्य और शिक्षित जाति थी। उसने साहित्य, संगीत, शिल्प और अनेक दूसरी कलाओं में बड़ी योग्यता प्राप्त की थी। फिर यह कैसे माना जा सकता है कि उसको अपनी ऐतिहासिक घटनाओं, राजाओं के व्यवहारों और राज्य शासन के कार्यों को लिखने का ज्ञान न रहा हो । महमूद गजनवी के आक्रमण से लेकर आठ सौ वर्षों तक भारत की अवस्था जिस प्रकार संकट में रही, जिस प्रकार इस देश के प्रमुख नगर निर्दयी आक्रमणकारियों के द्वारा लूटे गये और जिस प्रकार उनके साहित्य की होलियाँ जलायी गयीं, उन पर एक बार नजर डालने के बाद, हमारे सामने वे सव दृश्य अपने आप आकर उपस्थित हो जाते हैं, जब इस देश के राजा-महाराजा अपनी राजधानियों से भगाये जाते थे और वे अरक्षित अवस्था में एक दुर्ग से दूसरे दुर्ग में जाकर साँस लेते थे। वे निर्जन वनों में जाकर अपने परिवारों और प्राणों की रक्षा करते थे, क्या यह समय ऐसा था, जब इस देश के लोग उस समय की ऐतिहासिक घटनाओं को लिखने का काम कर सकते थे?