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पृष्ठ:राबिन्सन-क्रूसो.djvu/१८७

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राबिन्सन क्रूसोᘗ

उसने धरती छूकर बड़े विनीत भाव से प्रणाम किया और मेरा पैर उठा कर अपने सिर पर रक्खा।—पृ॰ १६७