पृष्ठ:राबिन्सन-क्रूसो.djvu/२१४

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क्रूसो के घर में नवीन अभ्यागत।


मैंने हो खा डाला।" तब मैंने अपने बैग से रोटी और मुट्ठी भर किसमिस निकाल कर उसे दी। कुछ तो उसके बाप के लिए और कुछ ख़ास कर उसके लिए। किन्तु उसने सब ले जाकर बाप को दे दिया। इसके बाद वह पलक मारते ही वहाँ से गायब हो गया। मैने उसे कितना ही पुकारा, पर उसने मेरी एक न सुनी। थोड़ी ही देर में वह घड़े भर जल और दो रोटियाँ लेकर हाज़िर हो गया। तब मैंने समझा कि वह सीधा घर जाकर यह चीज़े ले आया है। दोनों रोटियाँ मुझको दीं और जल अपने बाप को दिया। वह पानी पीकर स्वस्थ हो गया। मुझे भी बड़ी प्यास लगी थी। मैंने भी थोड़ा सा जलपान किया।

मैंने थोड़ा सा जल स्पेनियर्ड को भी देने के लिए कहा। वह बेचारा एक पेड़ के नीचे घास पर लेटा हुआ विश्राम कर रहा था। वह बहुत थका-माँदा था। उसके हाथ-पैर सख्ती से बाँधे जाने के कारण सूज गये थे। फ़्राइडे ने रोटी और पानी लेकर उसको दिया। वह उठ कर बैठा और खाने लगा। मैंने भी उसे, पास जाकर, एक मुट्टी किसमिस दी। उसने मेरे मुँह की ओर जिस दृष्टि से देखा, वह दृष्टि कृतज्ञता के भाव से भरी थी। यद्यपि युद्ध के समय उसने खूब बहादुरी दिखाई थी किन्तु इस समय वह एक दम बेसुध हो गया था। दो तीन बार उठने की चेष्टा की पर उठ न सका। उसके सूजे हुए दोनों पैरों में बड़ी पीड़ा हो रही थी। मैंने फ़्राइडे से उसके पैर दाब देने तथा शराब की मालिश कर देने को कहा।

फ्राइडे जब तक वहाँ था तब तक मिनट मिनट पर दृष्टि फेर कर अपने पिता को देख लेता था। एक बार उसने पीछे

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