यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।
सटीक रामचरितमानस R राम सन्देश। रामचिरह सागर मह, भरत मगन विग्र रूप धरि पत्रन-सुत, आइ गयड घेलवेडियर प्रेस, प्रयाग। मन होत। जनु पोत ॥ पृष्ठ ९९८
सटीक रामचरितमानस R राम सन्देश। रामचिरह सागर मह, भरत मगन विग्र रूप धरि पत्रन-सुत, आइ गयड घेलवेडियर प्रेस, प्रयाग। मन होत। जनु पोत ॥ पृष्ठ ९९८