पृष्ठ:रामचरितमानस.pdf/७७

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रामचरित मानस । २६ सिय-निन्दक अघ-ओघ नसाये। लोक बिसाक बनाइ बसाये। बन्दउँ कौसल्या दिसि प्राची । कीरति जासु सकल जग माची ॥२॥ सीताजी की निन्दा करनेवाले ( घोषी) का पाप-समूह नाश कर उसको शोक रहित चना कर अपने लोक (वैकुण्ठ) में बसाया । पूर्व दिशा के समान कौशल्या माता को मैं प्रणाम फरता हूँ, जिनकी कीर्ति समस्त संसार में फैल रही है ॥२॥ रजक के सम्बन्ध में विनयपत्रिका के १६५ वे पद में ज़िक पाया है कि-"सिय-निन्दक मतिमन्द प्रजा रज, निज नय नगर वसाई" अर्थात् जानकीजी की निन्दा करनेवाला नीच बुद्धि धोवी को अपनी प्रजा जान कर नीति से नगर में बसाया ( देश निकाला या प्राणदण्डे आदि कोई कठोर या अल्प दण्ड नहीं दिया) अथवा विशोक लोक बनाइ बसाये, दूसरा वैकुण्ठ ही चना कर उसको वहाँ टिकाया । यह नगरवासी पर प्रेम का उदाहरण है। प्रगटेउ जहँ रघुपति ससि चारू । विस्व-सुखद खल-कमल-तुसारू ॥ दसरथ राउ सहित सब रानी । सुकृत-सुमङ्गल मूरति मानी ॥३॥ जहाँ रघुनाथजी सुन्दर चन्द्रमा रूप प्रकट हुए, जो संसार को सुख देनेवाले और खल रूपी कमल-धन के लिए पालारूप हैं, सब रानियों सहित राजा दशरथजी को पुण्य और कल्याण की मूत्ति मान कर ॥३॥ करउँ प्रनाम करम-मन-बानी । करहु कृपा सुत-सेवक जानी ॥ जिन्हहिँ बिरचि बड़भयउ विधाता। महिमा-अवधि राम-पितु-माता॥४॥ कम मन, वाणी से मैं प्रणाम करता हूँ, अपने पुत्र का सेवक जानकर मुझ पर कृपा कीजिए । जिन्हें बना कर ब्रह्मा बड़े हुए, क्योंकि रामचन्द्रजी के पिता-मातो महिमा की अवधि है अर्थात् इनसे बढ़ कर महिमावन्त कोई हो नहीं सकता ॥ ४ ॥ सा०-बन्दउँ अवध भुआल, सत्य प्रेम जेहि राम पद । बिछुरत दीनदयाल, प्रिय तनु तुन इव परिहरेउ ॥ १६ ॥ अयोध्या के राजा ( दशरथजी ) की मैं वन्दना करता हूँ, जिनका रामचन्द्रजी के चरणों में सच्चा प्रेम था, जिन्होंने दीनदयालु के बिछुड़ते ही अपने प्रिय शरीर को तिनके की तरह त्याग दिया ॥ १६ ॥ चौ०-प्रनवउँ परिजन सहित बिदेहू । जाहि राम-पद गूढ़-सनेहू ! जोग भोग महँ राखेउ गोई। राम बिलोकत प्रगटेउ साई ॥१॥ कुटुम्ब सहित राजा जनक को मैं प्रणाम करता हूँ, जिनका रामचन्द्रजी के चरणों में छिपा प्रम था। उस (गूढ़ प्रेम) को उन्हों ने योग और भोग-विलास की ओट में छिपा रक्खा था, वह रामचन्द्रजी को देखते ही प्रत्यक्ष हो गया ॥ १ ॥ 'राम विलोकत प्रगटेउ साई' का स्पष्टीकरण जब पहली भेट जनकपुर में विदेह राज़ की हुई । इसी काण्ड के १२५ वे दोह के ऊपर नीचे देखिए ।