पृष्ठ:राष्ट्रीयता और समाजवाद.djvu/१६३

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१५० राष्ट्रीयता और समाजवाद सच्चा स्वराज्य नहीं हुआ सच्चा स्वराज्य अभी नहीं हुआ है और ६ अगस्त सन् ४२ को शुरू हुई क्रान्तिका दौरा अभी समाप्त नहीं हुआ है । जवतक लोगोकी जहनियत-मनोवृत्ति नही बदलती तवतक मुल्ककी समस्याएँ हल न होगी। लाखो लोगोको जबतक एक नयी उम्मीदसे नही भर दिया जाता तबतक वे कष्ट-सहनके लिए तैयार नहीं हो सकते। जनताको मायूसी दूर करो कांग्रेसी सरकारोसे हमारा कहना है--लोगोमे मायूसी छायी हुई है, उसे दूर करना चाहिये । जब जनताको विश्वास हो जायगा कि आप उसके बुनियादी सवालोको हल करनेके लिए तैयार है तभी वह आपपर विश्वास कर सकेंगी। हमारी शिकायत यह नही है कि आपकी रफ्तार धीमी है, पर हमारी शिकायत है कि आपके कदम गलत पड़ रहे है । आप लम्बे-चौडे वादे न कीजिये, छोटे बुनियादी काम ही हाथमे लीजिये अपनी ताकतके मुताविक; तब जनताका सहयोग आपको प्राप्त होगा। एक बार आपपर विश्वास जमनेपर जनता भी थोड़े दिन और मुसीबत सहनेके लिए तैयार हो जायगी। जनतासे मेरी अपील है कि वह अपनी समस्याओंको खुद समझनेकी कोशिश करे और जो सही रास्ता हो उसे अख्तियार करे ।