पृष्ठ:राष्ट्रीयता और समाजवाद.djvu/४३२

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

ईराकके राजनीतिक दल और उनकी स्थिति ४१६ ३० जून सन् १९४६ को गवर्नमेण्टने त्यागपत्र दे दिया और तौफीक अल सुवेदीने नया मन्त्रिमण्डल स्थापित किया। नये शासनने युद्धकालीन असाधारण कातूनोको रद्द कर दिया, राजनीतिक दलोपरसे रोक उठा ली और प्रेसको स्वतन्त्रता दे दी। इसका फल यह हुञा कि ईराकमे ५ दल संगठित हुए । दक्षिण पक्षमे इण्डिपेडेन्स पार्टी है, जिसके प्रमुख सदस्य वह लोग है जो नाजियोसे सहानुभति रखनेके कारण युद्धकालमे नजरबन्द कर लिये गये थे। मध्यमे लिवरल पार्टी है और इसमे गवर्नमेण्टके समर्थक सम्मिलित है । वामपक्षकी पार्टियोमें नेशनल डिमाक्रेटिक पार्टी,' 'नेशनल युनियनपार्टी' और 'पीपुल्स पार्टी' के नाम विशेषरूपसे उल्लेखनीय है, इन पार्टियोके कार्यक्रम लोकतन्त्रके सिद्धान्तोपर आश्रित है। यह सब दल आर्थिक विकासके लिए योजनाकी आवश्यकताको स्वीकार करते है । सव ईराकसे विदेशी सेनाप्रोके हटानेकी माँग पेश करते है और सभी फिलिस्तीनमे एक स्वतन्त्र अरब राज्य देखना चाहते है । राजनीतिक दृष्टिसे ही ये दल वामपक्षीय है, क्योकि आर्थिक क्षेत्रमे ये जमीनके राष्ट्रीयकरणका समर्थन नहीं करते, उल्टे व्यक्तिगत सम्पत्तिकी रक्षा करना चाहते है । इनमें जो अन्तर है वह लक्ष्यप्राप्तिके उपायोके सम्बन्धमे है । कम्युनिस्ट पार्टीका सगठन करनेकी राज्यने आज्ञा नही दी। इन प्रगतिशील पार्टियोके अपने-अपने दैनिक पत्र थे जिनमे यह निरन्तर ईराकके विधानको यथार्थ रूपमे कार्यान्वित करनेपर जोर देते थे और जनताके चुने हुए प्रतिनिधियोके शासनकी मांग पेश करते थे। इससे प्रतित्रियावादी-वर्ग भयभीत हो गया और उसने सुवैदी गवर्नमेण्टके विरुद्ध षड्यन्त्र रचना प्रारम्भ किया । इसका परिणाम यह हुआ कि ३० मई सन् ४६ को कुछ व्यक्तियोने अरशद अल उमरीके नेतृत्वमे नयी गवर्नमेण्ट कायम की। उमरीने इस बातकी घोषणा की कि उसकी गवर्नमेण्ट किसी दलविशेपकी गवर्नमेण्ट नही है और वह केवल नये चुनाव करानेके लिए शासनारूढ हुई है। किन्तु थोडे समयमे ही यह बात स्पष्ट हो गयी कि वह किसी-न-किसी बहानेसे प्रगतिशील दलो और उनके पत्रोपर प्रहार करना चाहता था । बगदादके गोलीकाण्डके पश्चात् गवर्नमेण्टका इन दलोके साथ संघर्ष और तीव्र हो गया । इनके अनेक सदस्य गिरफ्तार कर लिये गये और पार्टियोके सगठित होनेमे तरह-तरहकी वाधाएँ उपस्थित की जाने लगी। प्रगतिशील देशोको दवानेकी चेष्टाएँ होने लगी। 'नेशनल डेमोक्रेटिक पार्टी के नेतापर मुकदमा चलाया गया और उनको जेलकी सजा दी गयी । पार्टीका मुखपत्र भी बन्द कर दिया गया। तदनन्तर नेशनल युनियन पार्टीके चार सदस्य गिरफ्तार किये गये और उसके मुखपत्रका प्रकाशित होना बन्द हो गया। ईराकके विधानके अनुसार शासन नहीं हो रहा है। विना उचित कारणके लोग पकड लिये जाते है, लोकमत दवाया जाता है और वैधानिक उपायोका अवलम्बन करनेसे विविध राजनीतिक दल रोके जाते है । जिस गवर्नमेण्टने शासनारूढ होनेपर यह घोपणा की थी कि वह पार्लमेण्टको भंग कर नया चुनाव करानेके लिए आयी है वही गवर्नमेण्ट चुनाव कराना तो दूर रहा, आज निरकुश शासन कर रही है और जनतापर अत्याचार करती है। इस स्थितिसे