पृष्ठ:राष्ट्रीयता और समाजवाद.djvu/४७५

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४६२ राष्ट्रीयता और समाजवाद फासिज्म क्या है वास्तवमे पूंजी-प्रथाका कार्य समाप्त हो चुका है । इसने संसारका वाजार और संसारव्यापी एक आर्थिक पद्धति कायम कर दी है। उसके आन्तरिक विरोध विकसित हो गये है, अब वह केवल प्रतिक्रियाकी पद्धति होकर ही रह सकती है । यही प्रतिक्रिया फासिज्म है। संसारकी आर्थिक पद्धतिका विघटन हो रहा है । राष्ट्र अव आर्थिक युद्धकी तैयारीमें- लगे है। राजनीतिक रूपमे उसीका प्रतिफल फासिज्म है । जबसे पूंजीप्रथाका ह्रास होने लगा है, तभीसे प्रत्येक पूंजीवादी राष्ट्रमे फासिस्ट आन्दोलनके विकासके लिए कमोवेश अनुकूल अवस्था रही है। फासिस्ट राज्य आर्थिक राष्ट्रीयताकी ओर झुक रहे है । वह व्यवसायकी दृप्टिसे स्वतन्त्र होना चाहते है । इस मामलेमे आत्म-निर्भरता प्राप्त करनेकी उनकी चेप्टा रहती है। इस प्रकार वह ससारकी आर्थिक पद्धतिको विघटित कर देते है । साथ-साथ अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्ध भी विघटित हो जाते है और संसारका व्यापार ठप हो जाता है । इस पद्धतिके द्वारा ही पूंजीवादी देशोका उत्थान हुआ है । इस पद्धतिके विनाशसे, उनके जीवनका परम आवश्यक आधार नष्ट हो जाता है। इसलिए उनकी प्रतिद्वन्द्विता और भी भीपण हो जाती है । फासिज्मके वढनेसे राष्ट्रोके पासके विरोध और भी तीव्र हो जायेगे । जो राष्ट्र आज फासिस्ट नही है, उनको भी युद्धकी नीति अपनानी पड़ेगी तथा फासिज्मकी ओर अग्रसर होना पडेगा । फासिज्ममे उन्नतिके लक्षण नहीं है। यह पूंजी-प्रथाके ह्रास और अवनतिको और भी बढाता है । पूंजीप्रथाको जीवित रखनेकी यह अन्तिम चेष्टा है। इटलीमे फासिस्ट पार्टीको अपना अधिनायकत्व जमानेमे कुछ साल लग गये थे, पर जर्मनीके नाजीदलने वही काम चन्द महीनोमे ही कर डाला । जर्मनीके सामने इटलीका नमूना तैयार था । जर्मनीमे जहाँ समाजवादी तथा कम्युनिस्ट दल सुसंगठित थे फासिज्म- की स्थापनाका एक प्रधान कारण यह रहा है कि वहाँके पूंजीपतियोने इस बातकी आवश्यकताको महसूस किया कि यदि पूंजीप्रथाको जीवित रखना है तो पूर्व इसके कि समाजवादी समाजकी स्थापना करे, उन्हे व्यवसाय-योजनाका काम अपने हाथमे लेना चाहिये । उनको इसका वास्तविक भय था कि यदि वह ऐसा नही करेगे तो रूसकी तरह ही हाल होगा । फासिस्ट आन्दोलनके मूल आधार मध्यम वर्गकी निम्नश्रेणीके वह लोग है जो कंगाल हो गये है । युद्धके बाद जो मार्क-(जर्मन मिक्का) का भाव गिर गया था, उससे यह लोग तबाह हो गये थे । सन् १९२६ की मन्दीने इनको और बरवाद कर दिया । यही समुदाय फासिस्ट आन्दोलनका मूल आधार बना । फासिज्मका वास्तविक रूप जिन राष्ट्रोमे अभी फासिज्म स्थापित नही हुआ है, वहाँ भी फासिज्म प्रवृत्तिको उत्तेजना 'मली है। इगलैण्डमे मास्लेका गिरोह है। स्विट्जर लैण्डमे 'डाइफ्राटेन' दल है ।