पृष्ठ:रेवातट (पृथ्वीराज-रासो).pdf/१२३

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एक भाग अपने सामंतों में वितरित करके क्षेत्र अपने कोष में रखने का वृत्तान्त देती है । पच्चीसवें 'शशिवृता वर्णनं नाम प्रस्ताव' में पृथ्वीराज और शशिता का परस्पर रूप, गुण आदि सुनकर अनुरक्त होने, शशिकता की सगाई कान्यकुब्ज नरेश के भतीजे से निश्चित होने पर उसके द्वारा चुपचाप पृथ्वीराज के पास हंस ( रूपी हृत ) भेजकर अपना हरण करने का मंतव्य देते, चौहान का अपने सात सहस्र कष्ट वेश धारी सैनिकों सहित श्राकर देवगिरि के देवालय से शिव पूजन हेतु श्राई हुई राजकुमारी को लेकर चल देने तथा युद्ध में यादवराज और कमवज्ज की संयुक्त वाहिनी को परास्त करके दिल्ली पहुँच जाने का प्रसंग है । छब्बीसवाँ 'देवगिरि समयौ' जयचन्द्र द्वारा देवगिरि घरे जाने के समाचार पर पृथ्वीराज द्वारा मंडराय और बड़गूजर की अध्यक्षता में सेना भेजने, विकट युद्ध के उपरान्त पंगराज द्वारा मेल का प्रस्ताव करने पर शान्ति स्थापित होने तथा विजयी चामंडराय के दिल्ली लौटने का उल्लेख करता है । सत्ताईसवाँ 'रेवातट समय' पृथ्वीराज को रेवा नदी के तट पर मृगया-हेतु गया जानकर गौरी की चढ़ाई, चौहान का लौटकर युद्ध में उसे बन्दी बनाने तथा एक मास सात दिन के वाद, कर देने पर कारागार से छोड़ने और श्रादर-सत्कार पूर्वक ग़ज़नी भेजने का हाल बताता है ! अट्ठाईसवें अनंगपाल समय' में दिल्ली की प्रजा की पुकार सुनकर बद्रिकाश्रम में अनंगपाल के पृथ्वीराज से दिल्ली-राज्य लौटाने के लिये चढ़ाई में हार कर वापिस याने परन्तु गोरी के साथ फिर आक्रमण करने पर उसके साथ वन्दी किये जाने और पृथ्वीराज द्वारा दस लाख रुपये प्राप्त करके तपस्या के लिये लौटने तथा गोरी के दंड देकर छूटने का प्रसंग है। उन्तीसवें 'वघर की लड़ाई रो प्रस्ताव' में घघर नदी के तट पर साठ सहस्त्र सैनिकों सहित आखेट के लिये गये हुए पृथ्वीराज पर गोरी के आक्रमण, विषम युद्ध में उसके पकडे जाने और भविष्य में विग्रह न करने की कुरान की शपथ खाने पर मुक्ति का उल्लेख है । तीसवें 'करनाटी पात्र समयौ' में देवगिरि के यादवराज सहित पृथ्वीराज का कर्नाटक देश के ऊपर आक्रमण पर वहाँ के राजा द्वारा सुन्दरी कर्नाटकी वेश्या अर्पित करके सन्धि कर लेने और चौहानराज द्वारा उसे अपने महल में रखकर क्रीड़ा करने का वर्णन है । इकतीस 'पीपा युद्ध प्रस्ताव' में सुलतान गोरी से युद्ध करते हुए सामंत पीपा परिहार द्वारा उसके वन्दी किये जाने और पृथ्वीराज द्वारा उसे मुक्त करने


पकड़े जाने और