पृष्ठ:रेवातट (पृथ्वीराज-रासो).pdf/३९९

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

________________

( १६१ ) बाद से यह नगर कई बार बसा और उजड़ा। सन् १९६३ में मुहम्मद गोरी ने इस नगर पर अधिकार कर लिया, तभी से यह मुसलमान बादशाहों की राजधानी हो गया । सन् १३६८ में इसे तैमूर ने ध्वंस किया और सन् १५२६ बाबर ने इस पर अधिकार कर लिया । सन् १८०३ में इस पर अँगरेज़ों का अधिकार हो गया । सन् १८५७ के विद्रोह में दिल्ली भी बागियों का एक केन्द्र था। ग़दर के बाद फिर अँग्रेजी हुकूमत में श्राया। पहले अँग्रेजी भारत की राजधानी कलकत्ता में थी; पर सन् १६१२ से उठकर दिल्ली चली गई । याज- कल वर्तमान दिल्ली के पास एक नईदिल्ली बस गई है। महाराज पृथ्वीराज चौहान तृतीय के दुर्ग और उसके प्राचीर के ध्वंस आज भी दिल्ली के अंतिम हिन्दू सम्राट की गाथा अमर बनाये हुए हैं I देवगिरि [ <देवगिरि] 1 दक्षिण का यह प्राचीन नगर जो व्याजकल दौलताबाद कहलाता है। [ Hindostan Hamilton, Vol. I, p. 147] निजाम राज्य में औरंगाबाद से सात मील उत्तर-पश्चिम अक्षांश ६६° ५७' उत्तर और ७५° १५' देशांतर पूर्व में बसा हुआ है [ The East India Gazetteer. Walter Hamilton, Vol. I, P. 526] 1 ""देवगिरि में एक दुर्ग भी है। यह इतना दृढ़ बना है और इसमें इतनी सुविधायें हैं कि यदि रक्षा का पूरा प्रबन्ध कर लिया जाय तो शत्रु को केवल भोजन की कमी होने पर ही ग्रात्म समर्पण करना पड़ेगा । पहाड़ियों की श्रेणी से उत्तर पश्चिम ३००० गज की दूरी पर मैंनाइट में छिद्र करके बनाया हुआ यह दृढ़ दुर्ग मधुमक्खियों के ठोस छत्ते सदृश दिखाई पड़ता है । इसका नीचे का तिहाई भाग तराशकर चट्टान की सीधी दीवाल सदृश कर दिया गया है। अनुमानत: ५०० फिट ऊँचे इस दुर्ग के चारों ओर एक गहरी नहर है और नहर के बाद एक साधारण दीवाल परन्तु नहर औौर दुर्ग तक तीन फाटक और तीन मोटी दीवालें पड़ती हैं । नहर के ऊपर से दुर्गं में जाने का मार्ग इतना संकीर्ण बनाया गया है कि एक साथ दो मनुष्यों से अधिक नहीं जा सकते ।" [ दुर्ग के वि० वि० के लिये देखिये —— The east India Gazetteer. Walter Hamilton, Vol. I, pp. 526, 527. ] "बादशाह ( मुहम्मद तुगलक ) देवगढ़ ( दुर्ग और नगर ) की स्थिति और दृढ़ता देखकर तथा इसे दिल्ली की अपेक्षा अपने साम्राज्य का उचित केन्द्र विचारकर इतना प्रसन्न हुआ कि उसने इसे अपनी राजधानी बनाने का संकल्प कर लिया ।” [Firishta-Briggs. (1829) Vol. I, p. 419.]