पृष्ठ:लखनऊ की कब्र (भाग २).djvu/३९

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शादीमालसरा* बोला,-- लेकिन.बी आसमानी ! हज़रत ने तो इसे सात नंबर वाली कोठरी में कैद करने का हुक्म दिया है। हज़रतको अकल पर ते पत्थर पड़ गए हैं. लेकिन छोर जसा हुक्म उन्होंने दिया हो वैसा ही करो " यों कह कर बड़बड़ाती हुई आसमानो पलंग के नीचे घुसकर सुरंग में कूद गई और उसके जाने पर उस शैतान हवशी ने मेरी नाक में बेहोशी की दवा ठूसदी. जिस सबब मैं तुरंत वेहोश होगया और फिर मुझे कुछ ख़बर न रही कि क्या हुआ!