पृष्ठ:लालारुख़.djvu/५१

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

सोया हुआ शहर "वह क्यों ऐसा करने लगा ?" "तुम्हें देख कर भला कौन अपने मन को बस में रख. सकता है।" "बड़े खराब हो तुम।" "तो कहो अगर शाहजादा ऐसा करे तो ?" "तो मैं साफ इन्कार कर दूंगी।" “खैर यह भी मान लिया जाय, मगर तुम्हारे अब्बा अगर मंजूर कर लें ?" "वे क्यों मंजूर करेंगे? "क्यों, कौन बाप है जो अपनी बेटी को हिन्दुस्तान की मलिका बनाना न चाहेगा।" "तो मैं जहर खालूंगी।" "देखा जायेगा। अब एक खुशखबरी सुनो।" "जल्द कहो "आज शाहजादा तुम्हारे अब्बा से मिलने आयेगा।" "सच " "सच " "किस लिये ?" "तुमसे शादी की दरख्वास्त करने " ताज का मुह सूख गया, वह रोने लगी। युवक ने प्यार से कहा, "रोती क्यों हो ताज, यह तो खुशखबरी है।" "पर प्यारे यूसूक, मैं तुम्हें प्यार करती हूँ। तुम क्यों नहीं अब्बा से कहते। कहे देती हूँ, शाहजादे ने ऐसा किया तो मैं जान देदूंगी।"