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पृष्ठ:लेखाञ्जलि.djvu/१४३

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१६—देशी ओषधियोंकी परीक्षा और निर्माण।


कुछ रोग ऐसे हैं जो देश-विशेषोंहीमें अधिक होते हैं। गर्मी और सर्दी, नमी और रूक्षता तथा आबोहवा और स्थितिका बहुत-कुछ प्रभाव मनुष्य-शरीरपर पड़ता है। जो देश बहुत सर्द हैं वहां कुछ रोग ऐसे होते हैं जो गरम देशोंमें नहीं पाये जाते। इसी तरह गरम देशोंके कुछ रोग सर्द देशोंमें नहीं होते। इँग्लेंडमें सर्दी अधिक रहती है। वहाँवाले सर्द देशके निवासी हैं। पर उन लोगोंने अपना अधिकार ऐसे भी देशोंपर जमा लिया है जो बहुत गरम हैं। ऐसे गरम देशोंको भी उन्हें जाना और वहाँ रहना पड़ता है। वहाँके कुछ विशेष प्रकारके रोगोंसे पीड़ित होनेपर विलायती डाक्टरोंसे कुछ भी करते-धरते नहीं बनता; क्योंकि उन रोगोंके कारण, निदान, लक्षण और चिकित्सासे वे अनभिज्ञ होते हैं। इस त्रुटिको दूर करनेके लिए उन्होंने कहीं-कहीं विशेष प्रकारके डाक्टरी कालेज और स्कूल खोले हैं। वहां गरम देशोंके रोगोंके कारण आदिकी जाँच भी होती है और उनकी चिकित्सा-विधि भी सिखायी जाती है।