पृष्ठ:लेखाञ्जलि.djvu/३१

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।


४-अद्भुत मक्खियाँ।

ईश्वरकी सृष्टिमें अनेक जीव-जन्तु ऐसे हैं जिनकी विचित्रताको वृत्तान्त सुनकर आश्चर्यचकित होना पड़ता है। अभी, कुछ ही समय पूर्व, जान जे वार्ड (John J. Ward) नामक एक सज्जन ने एक प्रकारकी अद्भुत मक्खियोंका पता लगाया है। इन मक्खियोंकी विचित्रताका हाल सुनकर प्राणितत्त्व-वेत्ता अवाक रह जाते हैं।

वार्ड साहब कई सालसे अपने बागीचेमें देख रहे थे कि एक नियत समयपर बहुत सी मक्खियां आकर गुलाबके पौधोंपर बैठ जाती हैं। दो चार दिन के भीतर ही ये मक्खियाँ इतनी अधिक हो जाती हैं कि इनसे बागीचेके प्रायः सभी पेड़-पौधे ढक जाते हैं। वार्ड साहब इनको इस बढ़तीपर बड़े चकित हुए। वे अनुसन्धान करने लगे कि एकाएक ये मक्खियां इसी समय यहाँ कैसे आ पहुँचती हैं और इनकी इतनी अधिक वृद्धि इतनी जल्दी कैसे हो जाती है।