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पृष्ठ:लेखाञ्जलि.djvu/९६

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लेखाञ्जलि

प्रशंसा है। इस काले सिंहासनके सामने ही, थोड़ी दूरपर, संगमरमरका एक सफेद सिंहासन भी है।

दीवाने-ख़ासकी लम्बाई ६४ फुट और चौड़ाई ३४ फुट है। वह २२ फुट ऊँचा है। उसके सामने एक पेशग़ाहमें तीन मिहराबें हैं। उनके जवाबमें, दूसरी तरफ भी, उतनी ही मिहराबें हैं। दोनों किनारोंमें दो-दो ताक़-से हैं। उनपर भी मिहराबें हैं। दक्षिण-पूर्वकी तरफ शाही महलों में जानेका रास्ता है। उत्तर और दक्षिणकी तरफकी मिहराबोंके ऊपर जालीदार खिड़कियाँ हैं। इसमें एक लेख है, जिससे जाना जाता है कि यह इमारत १६३७ ईसवीमें बनायी गयी थी।

समन बुर्ज नामके दीवानख़ानेकी लम्बाई-चौड़ाई १७५*२३५ फुट है। इसके बनानेमें अपूर्व कारीगरी दिखायी गयी है। इसके प्राङ्गणमें रङ्गीन पत्थर जड़कर पचीसीके खेलका फ़र्श बनाया गया है। शाही बेगमोंके हम्माम और दूसरे मकानात इसके उत्तर हैं। यमुनाकी तरफ़ सङ्गमरमरकी जाली है। एक ओर जाली है जो अन्तःपुर, अर्थात् शाही हरम, को समन बुर्जसे अलग करती है। एक छोटासा कृत्रिम तालाब और फ़ौवारा भी इसमें है।

ख़ास महल या आरामगाह बड़ी ही मनोहर इमारत है। उसका दीवानखाना ७०*४० फुट है। उसकी छत और दीवारोंमें चित्र विचित्र बेल-बूटे बने हुए हैं। वे सब रङ्गीन हैं। उसमें छोटे-बड़े अनेक कमरे हैं। उनमें जो काम है बहुत अच्छा है। ख़ास बादशाहके, और शाहजहाँकी प्यारी शाहज़ादी जहान-आरा बेगमके, कमरे औरोंकी अपेक्षा सुन्दरता और शोभामें बहुत बढ़े-चढ़े हैं। ख़ास महलहीके