यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।
एक भाग का स्वामी असुर वेणीपाल हुआ । वह बड़ा विद्याव्यसनी था । इसने बड़ा पुस्तकालय संचित किया । कुछ दिन बाद इसका भाई विद्रोही हो गया और राजभवन में जल मरा । मिस्र भी हाथ से चला गया । अन्त में ईसा से कोई छह सौ वर्ष पूर्व निनवे पर सबने मिलकर चढ़ाई की । राजा हारा और उसका राजमहल मटियामेट कर दिया गया । इस प्रकार सात सौ वर्षों तक अखण्ड रहकर इस असुर - साम्राज्य का ऐसा पतन हुआ कि इसका नामोनिशान संसार से उठ गया ।