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अग्न्याधान कर, हम अग्नि को साक्षी बनाकर बन्धुत्व की स्थापना करें । " दोनों ने अग्नि प्रज्वलित कर परस्पर बन्धुत्व की प्रतिज्ञा की , फिर दोनों ने एक दूसरे का आलिंगन किया । इसके बाद दोनों किष्किन्धा में राज - मन्दिर में परस्पर एक - दूसरे का हाथ पकड़े, इस प्रकार घुसे जैसे सिंह गुफा में प्रवेश करते हों ।