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पृष्ठ:विक्रमांकदेवचरितचर्चा.djvu/१०७

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ओ३म्
अनुवादक की भूमिका

भारत के प्राचीन इतिहास! की सामग्री किस प्रकार संस्कृत साहित्य में भरी पड़ी है यह बात इस उत्तम लघु पुस्तक के पढ़ने से जनता को भली प्रकार मालूम हो सकती है।

बाणभट्ट के श्री हर्ष काव्य के अतिरिक्त ग्रन्थ कर्ता श्री भरतर म भानुमुखगमता न घुर तथा अन्य अनुसंधान के भी लेखकों से सहायता लेकर १५ र इतिहास सम्बंधी बताई गई है वह : न उपयोग है।

आजकल इतिहास का कप: सर्व साधारण जनता ये सर्वत्र रूखा और फीका हो जाता है कि यह बात निर्विवाद है। संभव है कि प्राचीन काल के विद्वान इन दोष का निवृत्ति के लिये उसको कविता के रसमय रूप में लिखना उचित समझा हो। रामायण, महाभारत के अतिरिक्त सर्वकाव्य ग्रन्थ इतिहास की सामग्री से भरपूर है या वात प्रत्यक्ष ही है। कई कारणों से हमें अपना सच्चा इतिहास सही मालूम हो सका। अभी हमारे इतिहासकार सब विदेशी हैं उन लोगों ने हमारे इतिहास खोजने में बहुत श्रम किया है जिसका श्रेय उन्हें