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पृष्ठ:विक्रमांकदेवचरितचर्चा.djvu/११२

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स्वदेशभिमानी बनें यह पुस्तक सयाजी बालज्ञमाला में प्रकाशित हुआ है। इस माला के इसी प्रकार अन्य बालोपयोगी ग्रंथ तैय्यार हो रहे हैं। बालकों के हित चिन्तकों को इस माला से लाभ उठाना चाहिये।

कारेलीबाग
बड़ोदा
१-२-२२
विनीत.
आनन्दप्रिय(अमृतसरी)
बी० ए एल एल० बी०