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३
श्री हर्ष
नरवर्धन | वज्रिणीदेवी | ||||||||||||||||
राज्यवर्धन | अप्सरादेवी | ||||||||||||||||
आदित्यवर्धन | महासेनगुप्ता | ||||||||||||||||
प्रभाकरवर्धन | यशोमति | ||||||||||||||||
राज्यवर्धन | हर्षवर्धन | राज्यश्री | |||||||||||||||
बाण का कथन है कि इस वंश के राजा थाणेश्वर में राज्य करते थे। परन्तु इ॰ स॰ ६३१ से ६४३ के अन्दर भारत भ्रमण करने वाला प्रसिद्ध चीनी यात्री ह्युएनत्सङ्ग लगभग इ॰ स॰ ६४३ में हर्ष को मिला था। उस समय हर्ष के विस्तृत साम्राज्य के अनेक मुख्य नगरों में से कन्नौज भी एक मुख्य नगर था। इस पर से उसने कन्नौज को ही इस वंश के राजाओं की राजधानी बतलाई है, परन्तु वास्तव में इस वंश के राजाओं की राजधानी थानेश्वर ही थी।