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श्री हर्ष


तथा महेश्वरपुर इत्यादि का भी वर्णन किया है। चिचिर आजकल के बुन्देलखण्ड में होगा उसकी राजधानी ऐरण होगी ऐसा अनुमान किया गया है। महेश्वरपुर आजकल का ग्वालियर (अथवा कभी नरवर हो) ऐसा अनुमान कर सकते हैं। इन तीनों राज्यो में ब्राम्हण राजे राज्य करते थे और इन पर हर्ष का थोड़ा बहुत प्रभुत्व होगा ही ऐसा माना जा सकता है।

अब मध्यम हिन्दुस्तान में थाणेश्वर कन्नौज और दिल्ली आती हैं। इस समय गङ्गा और जमना नदीओं में से नहर निकाल कर आसपास के प्रदशों को पर्याप्त पानी देने की योजना से यह भू भाग बहुत ही उपजाऊ हो गया था, इसी लिये यहां अनेक प्रसिद्ध राज्य हो चुके हैं। जन्मेजय के कुरु और पांचाल राज्यों समान, हर्ष के यह थाणेश्वर और कन्नौज थे तथा हर्ष भी जन्मेजय जैसा साम्राट बना था। हर्ष ने कन्नौज को अपनी राज्यधानी बनाई अतः यह नगर सब से बढ़ गया। मैखरि वंश के राजाओं ने गङ्गा की पूर्व दिशा में कन्नौज नगर को