विचित्र प्रबन्ध " द्वारा उसकी । वह प्रयत्न कर रहा है। अपने पैने दाँतों से पुस्तक का विश्लेषण कर रहा है, और पियानो के तारों के साथ उसका मिलान करके उसे देख रहा है। अभी उसने स्वरलिपि की पुस्तक को कुतरना शुरु किया है, फिर वह बाजे के तारों को काटेगा, तख्त काटेगा, अन्न्द्र को बाजे में सैकड़ों छिद्र करके अपनी छोटी नाक परीक्षा करेगा ! उसका काम ज्यों ज्यों आगे बढुंगा त्यो त्यों मङ्गल. रहम भी उससे दूर होता जायगा । मैं समझता हूँ कि भूएक-कुल- तिलक ने जिस मार्ग का प्राश्रय लिया है उस मार्ग से वे अवश्य कागज़ और तारां के उपादान-विषयक नवीन सिद्धान्त का आविष्कार कर सकेंगे, परन्तु कागज़ और तारों का यथार्थ सम्ब से नहीं मालूम हो सकता । अन्त को नई पौध के सूसों के मन में यह नक उपस्थित होगा कि काग़ज़ निरा कागज़ है. और तार मा कंबल तार ही है। ‘कागज़ और तारों में किसी ज्ञानवान प्राण में एक आनन्द-जनक सम्बन्ध स्थापित किया : यह प्राचीन मूषका का युक्ति-हीन कुसंस्कार है । परन्तु इससे इतना फल अवश्य हुआ कि अनुसन्धान-कार्य में उसकं प्रवृत्त होने से कागज़ और तारों की कठिनता की बहुत कुछ परीक्षा हो गई है। कभी कभी बिल के भीतर से दांतों के बजन की अपूर्व सङ्गात. ध्वनि सुन पड़ती है। उस ध्वनि को सुन कर हृदय मुग्ध हो जाता । यह क्या बात है?