पृष्ठ:विदेशी विद्वान.djvu/१०

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
विदेशी विद्वान्

दिखलाने लगा और अनेक प्रकार के प्रयोगों द्वारा उनकी भूलों को सिद्ध करके बतलाने लगा। पुराने विद्वानों के पक्षपातियों को यह बात बहुत बुरी लगी। वे गैलीलियो के शत्रु हो गये और उसे तङ्ग करने लगे। इसलिए गैलीलियो पिसा की पाठ- शाला को छोडकर हादुआ को चला गया और १८ वर्ष तक वहाँ की पाठशाला में उसने गणित के अध्यापक का काम किया। इस बीच में उसकी विद्या और बुद्धि की यहाँ तक प्रशंसा हुई कि पिसा की पाठशाला के अधिकारियों ने उसे फिर बुला लिया और उसका मासिक वेतन बढ़ाकर उसे वहाँ गणित के अध्यापक के पद पर नियत किया।

गैलीलियो ने अपनी विद्या के बल से सबसे पहले दूरबीन बनाने की युक्ति निकाली। पहले उसने जो दूरबीन बनाई उससे जो पदार्थ देखे जाते थे वे तिगुने बड़े दिखलाई देते थे; परन्तु धीरे-धीरे उसने उसको यहाँ तक सुधारा कि उसके द्वारा देखने से पदार्थ तीस गुने बड़े अथवा तीस गुने निकट दिख- लाई पड़ने लगे। इस दूरबीन के द्वारा उसने सूर्य, चन्द्रमा और शनैश्चर इत्यादि ग्रहों को देखकर उनके आकार, उनकी चाल और उनकी बनावट के विषय में ज्ञान प्राप्त किया और यह कहकर कोपर्निकस के मत को पुष्ट किया कि पृथ्वी सूर्य के चारों ओर घूमती है। पहले पहल जब उसने यह बात प्रकाशित की कि पृथ्वी के समान चन्द्रमा पर भी पर्वत, गड्ढे और ऊँचे-नीचे स्थान हैं तब पुराने विचार के लोग उस पर