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पृष्ठ:विदेशी विद्वान.djvu/१०७

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अध्यापक एडवर्ड हेनरी पामर

अलवर्ट हाल में शाह की तारीफ में गाये गये अँगरेज़ी गीतों का पामर द्वारा किया गया

फारसी पद्य में अनुवाद

( १ )

मुबारक मुबारक सलामत शहा,
मुबारक मुबारक सलामत शहा,
बुबी आमद अज़ मुल्के ईर्रा जमी,
शहे नामवर बा जलाले मुबीं।
बदौरश खलायक गिरफ़ता हुजूम,
सदाये खुशी ख़ास्त हरसू उमूम,
चे खुलके कि अज़ दस्ते फै़जा़ने शाह,
जे अकलो जे दानिश शवदरु बराह ।

( २ )

मुबारक मुबारक सलामत शहा ।
सदाये रसीदा जे चर्खे बरी,
मुबारक शहा मकदमे ई ज़मी,
जवावे रसीदा जे अफलाक बाज़,
मुबारक सलामत शहे बे नियाज़ ।
शहे पारिस श्रामद जे शुकरे अर्या,
न अज कस्दे तस्खीरे मुल्को जहाँ,
मगर ई कि हासिल कुनद नामे नेक,
शवद अज सखावत सर अंजामे नेक ।
गुजारद हमी तेगे ख़ुद दर गिलाफ,
कि सुलहो श्रर्मा वेह जेलाफो गज़ाफ,