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पृष्ठ:विदेशी विद्वान.djvu/८२

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विदेशी विद्वान


सबसे अधिक वेतन पानेवाला कर्मचारी डेढ़ लाख रुपये वार्षिक पाता है ! अर्थात् अमेरिका के प्रेसीडेंट की तनख्वाह के बरा- बर ! दूसरा आदमी एक लाख बीस हज़ार रुपये पाता है; तीसरा नव्वे हज़ार। तीन सहायक पछत्तर-पछत्तर हज़ार रुपये वार्षिक पाते हैं। यहाँ पर यह लिखे बिना नहीं रहा जाता कि हार्स्ट साहब के अधीन काम करनेवाला एक सह- कारी सम्पादक जितनी तनख्वाह ( पछत्तर हज़ार ) पाता है उतनी ही हमारी जन्मभूमि भारतवर्ष के कर्ता, धर्ता और विधाता भारतसचिव भी पाते हैं। अर्थात् तनख्वाह के लिहाज़ से इंगलेंड का एक राजमन्त्री और अमेरिका का एक सहकारी सम्पादक एक हैसियत रखता है। इससे पाठक अनुमान कर सकते हैं कि हमारे देश के पत्रसम्पादकों की तरह अमेरिका के सम्पादक दीन, हीन और दरिद्र नहीं ।

सूरत, शकल और स्वभाव आदि

हार्स्ट साहब खूब लम्बे-चौड़े आदमी हैं। लम्बाई में वे छः फीट दो इञ्च हैं। शरीर भारी होने पर भी सुदृढ़ और गठीला है। ज़ाहिरा पहलवान से जान पड़ते हैं।

हार्स्ट साहब करोड़पति हैं। अखबारी सम्पत्ति के सिवा कोई दस लाख एकड़ भूमि के भी वे मालिक हैं। पर वे रुपये की परवा नहीं करते। उसे वे पानी की तरह बहाते हैं। अपने सुख के लिए नहीं, किन्तु सात करोड़ अमेरिकनों