६२ ] भिक्खुनी-पातिमोक्ख [६४।१४३-४८ १४३-जो कोई भिक्षुणी जान कर प्राणि-सहित जलको पीये, उसे पाचित्तिय है। (६०) झगड़ा बढ़ाना १४४-जो कोई भिक्षुणी जानते हुए धर्मानुसार फैसला हो गये मामलेको फिर चलाने के लिये प्रेरणा करे, उसे पाचित्तिय है। (६१) यात्राके साथी १४५---जो कोई भिक्षुणो जानते हुए सलाह करके चोरोंके काफिलेके साथ एक रास्तेसे, चाहे दूसरे गाँव ही तक जाये, उसे पाचित्तिय है। (इति) जोति वग्ग ॥१॥ (६२) बुरी धारणा १४६-जो कोई भिक्षुणो ऐसा कहे-मैं भगवानके धर्मको ऐसा जानती हूँ, कि भगवान्ने जो (निर्वाण आदिके ) विघ्नकारक कार्य कहे हैं, उनके सेवन करनेपर भी वह विन नहीं कर सकते । तो दूसरो भिक्षुणियोंको उसे ऐसा कहना चाहिये-"आर्य ! मत ऐसा कहो । मत भगवान्पर झूठ लगाओ । भगवान्पर झूठ लगाना अच्छा नहीं है । भगवान ऐसा नहीं कह सकते । भगवान्ने विघ्नकारक कामोंको अनेक प्रकारसे विन्न करनेवाले कहा है। सेवन करनेपर वह विन्न करते हैं-कहा है।" इस प्रकार भिक्षुणियोंके कहनेपर वह भिक्षुणी यदि जिद् करे, तो भिक्षुणियोंको तीन वार तक उसे छोड़नेके लिये उस भिक्षुणीसे कहना चाहिये । यदि तीन वार तक कहे जानेपर उसे छोड़ दे, तो अच्छा । यदि न छोड़े तो पाचित्तिय है। १४७-जो कोई भिक्षुणी जानते हुए उक्त (प्रकारको बुरी) धारणावाली (तथा) धर्मानुसार (मत) न परिवर्तन करनेवाली हो उस विचारको न छोड़नेवाली, भिक्षुणीके साथ (जो भिक्षुणी ) सहभोज, सह-वास या सह-शय्या करती है, उसे पाचित्तिय है। १४८-(क) श्रामणेरी' भो यदि ऐसा कहे-मैं भगवान्के धर्मको ऐसे जानता हूँ कि भगवान्ने जो (निर्वाण आदिके) विघ्नकारक ( = अन्तरायिक ) काम कहे हैं। उनके सेवन करनेपर भो वह विन्न नहीं कर सकते"; तो (दूसरी ) भिक्षुणियोंको उसे ऐसा कहना चाहिये-"आर्ये ! श्रामणेरो! मत ऐसा कहो ! मत भगवान्पर झूठ लगाओ। भगवान्- पर झूठ लगाना अच्छा नहीं है । भगवान् ऐसा नहीं कह सकते। भगवान्ने विन्नकारक कामोंको अनेक प्रकारसे विघ्न करनेवाले कहा है। सेवन करनेपर वह विघ्न करते हैं-- कहा है ।" इस प्रकार भिक्षुणियों द्वारा कहे जानेपर यदि वह श्रामणेरी जिद् कर तो भिक्षु- णियाँ श्रामणेरोको ऐसा कहें-"आर्ये ! श्रामणेरो! आजसे तुम उन भगवान्को अपना शास्ता (=उपदेशक-गुरु) न कहना, और जो दूसरी श्रामणेरियाँ दो रात, तीन रात तक भिक्षुणियोंके साथ रह सकती हैं वह ( साथ रहना ) भी तुम्हारे लिये नहीं है । चलो, ( यहाँसे ) निकल जायो !" १ भिक्षुणी बननको उम्मेदवार ।
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