पृष्ठ:विनय पिटक.djvu/१९

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विषय-सूची पृष्ठ " २८ 7) ८ " 11 २५ २७ 1) " 19 " पृष्ठ क. पातिमोक्ख (विभंग) १-90 १-भिक्खु-पातिमोक्ख ३-४४ निदान ५-७ ११. पाराजिक ८-१० (१) मैथुन (२) चोरी ( ३ ) मनुष्य-हत्या ९ (४) दिव्यशक्तिका दावा १२. संघादिसेस ११-१५ (१) कामासक्तिता (२) कुटीनिर्माण (३) पाराजिकका इलज़ाम लगाना १२ (४) संघमें फूट डालना (५) वात न सुननेवाला बनना १३ (६) कुलोंका विगाळना १४ ७३. अ-नियत (१) मैथुन १४. निस्सग्गिय पाचित्तिय १७-२२ (१) कठिनचीवर और चीवर १७ (२) आसनके कपळे आदि १९ ( ३ ) चाँदी-सोने रुपये-पैसेका व्यवहार (४) क्रय-विक्रय (५) पात्र (६) भैपज्य (७) चीवर २१ (८) संघके लाभमें भाँजी मारना २२ १५. पाचित्तिय २३-३१ (१) भाषण-सम्बन्धी २३ (२) साथ लेटना ( ३ ) धर्मोपदेश (४) दिव्यशक्ति प्रदर्शन (५) अपराध प्रकाशन ( ६ ) जमीन खोदना (७) वृक्ष काटना (८) संघके पूछनेपर चुप रहना (९) निंदना (१०) संघकी चीजमें वेपर्वाही (११) विना छना पानी पीना (१२) भिक्षुणियोंको उपदेश (१३) भिक्षुणीके सम्बन्धमें (१४) भोजन-सम्बन्धी (१५) सेनाका तमाशा (१६) मद्यपान (१७) हँसी-खेल (१८) आग तापना (१९) स्नान (२०) चीवर-पात्र (२१) प्राणि-हिंसा (२२) झगळा बढ़ना (२३) अपराध छिपाना (२४) कम आयुवालेकी उपसम्पदा (२५) यात्राके साथी (२६) बुरी धारणा (२७) धार्मिक वातका अस्वीकारना (२८) प्रातिमोक्ष (२९) मारना, धमकाना (३०) संघादिसेसका दोपारोपण (३१) भिक्षुको दिक् करना (३२) सम्मतिदान (३३) सांघिक लाभमें भाँजी मारना (३४) राजप्रासादमें प्रवेश (३५) बहुमूल्य वस्तुका हटाना २८ " " " 11 1) २९ २० " 11 " 11 1) "