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पृष्ठ:विनय पिटक.djvu/२०

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[ १३ ] पृष्ठ " ४७ 12 " ३२ ४८ (३६) अपराह्णको गांवमें जाना (३७) सूचीघर (३८) चौकी, चारपाई (३९) वस्त्र ६. पाटिदेसनिय ( १ ) भोजन ग्रहण और भिक्षुणी (२) अपने हाथसे ले भोजन करना १७. सेखिय (१) चीवर पहिनना (२) गृहस्थोंके घर में जाना बैठना (३) भिक्षान्न ग्रहण और भोजन (४) कंसेको उपदेश न देना ( ५ ) पेसाब-पाखाना ८. अधिकरण-समथ (१) अगला मिटानेके तरीके " 13 ३४ ३५ " " 17 पृष्ठ (१०) संघमें फूट डालना ४६ (११) वात न सुननेवाली बनना (१२) कुलोंका विगाळना १३. निस्सग्गिय पाचित्तिय ४८-५१ (१) पात्र (२) चीवर ( ३ ) चीजोंका चेताना (४) ओढ़नेका चेताना (५) कठिन-चीवर और चीवर ४९ ६) चाँदी-सोने, रुपये-पैसेका व्यवहार ५० ७) क्रय-विक्रय पात्र (९) भैपज्य (१०) चीवर (११) संघके लाभमें भांजी मारना १४. पाचित्तिय ५२-६५ ( १ ) लहसुन खाना ५२ (२) कामासक्तिके काम (३) भिक्षुकी सेवा ( ४ ) कच्चा अन्न ( ५ ) पेसाव-पाखाना सम्बन्धी (६) नाच, गाना ( ७ ) पुरुषके साथ (८) गृहस्थोंके घरमें जाना, बैटना (९) भिक्षुणीको दिक् करना (१०) मगपना (११) देह पीटकर रोना (१२) स्नान (१) चीवर (१४) माय लेटना ५८ (३५) हैगन करना (१६) गेगी गिप्यकी मेवा न करना (१) उपाश्रय देकर निकालना (१८) पुरुष-मंमग (१) विवग्ना (0) तमामा देखना ५५ (१ युनी, पलंगवा इम्माल 11 " 11 09 " २-सिक्खुनी-पातिमोक्ग्य ३९-७० निदान १. पाराजिक ४२-४३ ( १ ) मंथुन ४२ (२) चोरी (: ) मनुष्य-हत्या (८) दिव्य गक्तिका दावा ( ५ ) कामासवितके कार्य (६ ) संघले निकालेका अनुगमन ४३ ( ) वामानविनने पुरुपका स्पर्श (२. संपादिलेस ४४-४७ ( १ ) पुरापावे. साथ विहग्ना (:) चोन्नी मा दध्याको भिक्षुणी बनाना ( ) गले पमना ( ) निवालीको नापित दनाना {५ दामन तिनके कार्य । जिमना दोपागेपण " " 91 " YE " ?! .. 1 21 "