पृष्ठ:विनय पिटक.djvu/२६

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{ १९ ] पृष्ठ २१७ 11 11 11 " " 11 17 पहिनाना (९) आराममें जूता, मगाल, दीपक और दंड रखनेका विधान (१०) ग्वळाऊँका निषेध २. वाराणसी २०७ (११) निपिद्ध पादुकायें २०७ ३. श्रावस्ती २०८ (१२) गाय बछटोंको पकलने मारने आदिका निषेध २०८ F२. सवारी, चारपाई, चौकोके नियम २०८ (१) सवारीका निषेध ००८ ( 0 ) गंगमें सवारीका विधान (3) विहिन सवारियाँ (८) महापं गव्याका निषेध ( ५ ) मिह आदिवं चमका निषेध (2) प्राणि-हिमाकी प्रेरणा और चम- धारणका निध (५) चमले मदी चारपाई आदिपर बैठा जा सकता है (८) जता पहिने गांवमें जाने का निषेध और विधान (5. मध्यदेटायः बाहरदे. विशेष नियम २११ ( १ ) योण टिकणकी प्रत्रज्या ( ) सीमान्तदगो विप नियम ६-अपव्य-रबन्धक १. औषध और उसके बनाने के साधन Yg=1 पृष्ठ (९) चूर्णकी दवाइयाँ, और ओखल, मूसल, छलनी (१०) कच्चे मांस और कच्चे खूनकी दवा २१८ (११) अंजन, अंजनदानी, सलाई आदि (१२) गिरका तेल २१९ (१३) नस और नसकरनी आदि (१४) धूमवत्तीका विधान (१५) वातका तेल २२० (१९) दवामें मद्य मिलाना (१७) तेलका वर्तन १२. स्वेदकर्म और चीर-फाळ आदि २२० (१) स्वेदकर्म २२० ( २ ) सींगसे खून निकालना २२१ ( 3 ) परमें मालिग और दवा ( ८ ) चीन-फाळ ( ५ ) मलहम-पट्टी ( ) सर्प चिकित्सा २२२ (७) विष-चिकित्सा (८) परदिन्नक रोगकी चिकित्सा (९) भूत-चिकित्सा (१०) पांडुरोग-चिकित्सा (११) जुल-पित्ती आदिकी चिकित्सा (३. आरामने चीजोंका रखना सँभालना आदि २२३ (१) पिलिन्दिवच्छका लेण बनाना २२३ (२) आगममें सेवक ग्बना (:) पिलिन्दिवच्छका चमत्कार ( ४ ) नैपन्य सप्ताह भर बन्ये जा सकते हैं २२५ " 11 २. राजगह । जगदा विधान

नीमानीदभरपा

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( ५ ) मुळ मानेका विधान ( मंगवा विधान (E) हावा विधान ( ८ । आगमन. नीता पकाये या न्यं पाशमाना निषिद्ध ।। दृषि में आगममें गई, पत्राये या गाना विहिन