पृष्ठ:विनय पिटक.djvu/२९

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[ २२ ] ३०२ २९० 11 " कार 1) (७) वर्गकर्मके भेद (८) समग्र-कर्म (९) धर्माभाससे वर्गकर्म (१०) धर्माभासमै समग्रकर्म ३०३ (११) धर्मसे समग्रकर्म २. पाँच प्रकारके संघ और उनके अधि- ३०३ ( १ ) वर्ग (=कोरम्) द्वारा संघोंके प्रकार ३०३ (२) संघोंके अधिकार ( ३ ) कोरम् पूरा करनेका उपाय (४) संघके बीच फटकारना किसके लिये लाभदायक और किसके लिये नहीं ३०५ ( ५ ) ठीक और वेठीक निस्सारण (=निकालना) ( ६ ) ठीक और बेठीक अवसारण (=ले ?, T! 7) २९४ लेना) १७. रोगीको सेवा और मृतकका दायभागी २९० ( १ ) रोगीकी सेवाका भार ( २ ) कैसे रोगीकी सेवा दुष्कर २९१ ( ३ ) कैसे रोगीकी सेवा सुकर (४) अयोग्य रोगि-परिचारक २९२ ( ५ ) योग्य रोगि-परिचारक (६) मरे भिक्षु या श्रामणेरकी चीज़का मालिक संघ (७) मरेकी संपत्तिमें सेवा करनेवाले भिक्षु और श्रामणेरका भाग ८. चीवरोंके वस्त्र रंग आदि २९३ (१) नंगे रहनेका निपेध २९३ (२) कुश-चीर आदिका निषेध (३) विल्कुल नीले, पीले, आदि चीवरों का निषेध (४) चीवर आदिके न मिलनेपर संघका कर्तव्य (५) चीवरोंका संघ मालिक १९. चीवर-दान और चीवर-वाहनके नियम २९५ (१) संघ-भेद होनेपर चीवरोंके दानके २९५ (२) दूसरेके लिये दिये चीवरोंका चीवर- वाहक द्वारा उपयोग करने में नियम (३) आठ प्रकारके चीवर-दान और उनका वॅटवारा २९६ ९-चाम्पेय्य-स्कंधक २९८-३२१ १. कर्म और अकर्म २९८ १. चम्मा २६८ (१) निर्दोपको उत्क्षिप्त करना अपराध है २९८ (२) अकर्मो (=नियम-विरुद्ध फैसलों) के भेद ३०० (३) कर्म (=नियमानुकूल फैसले) के भेद (४) अ-कर्मोके भेद (५) कर्म छ (६) अधर्म कर्मके भेद ३०९ अनुसार बँटवारा 11 ३११ ३११ ( ७ ) अधर्मसे उत्क्षेपण-कर्म (८) धर्मसे उत्क्षेपण-कर्म ३. कुछ अधर्म और धर्म कर्म (१) अधर्म कर्म (२) धर्म कर्म ( ३ ) अधर्म कर्म ( ४ ) धर्म कर्म (५) अधर्म कर्मका रूप ६४. अधर्म कर्म (=नियमविरुद्ध दंड) ( १ ) तर्जनीय कर्म (२) नियस्स कर्म ( ३ ) प्रव्राजनीय कर्म (४) प्रतिसारणी कर्म (५) उत्क्षेपणीय कर्म (५. नियम-विरुद्ध दंडकी माफी (१) तर्जनीयकर्मकी माफी (२) नियस्सकर्मकी माफी (३) प्रव्राजनीयकर्मकी माफी (४) प्रतिसारणीयकर्मकी माफी ३११ ३१४ ३१५ ३१५ 1) " "