पृष्ठ:विनय पिटक.djvu/२८

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

[ २१ ] " 1) " पृष्ठ पृष्ठ (९) आशा-पूर्वक कठिन-उद्धार (२) चीवरोंकी संख्या २८९ (१०) करणीय-पूर्वक कठिन-उद्धार २६२ (३) फालतू चीवरोंके वारेमें नियम २८० (११) अप-विनय-पूर्वक कठिन-उद्धार ५. वागणसी २८१ (१२) मुख-पूर्वक विहारवाला कठिन-उद्धार २६४ ( ४ ) पेवेंद, रफू करना २८१ १३. कठिन चीवरके विघ्न और अ-विघ्न २६५ ६. श्रावस्ती ८-चीवर-स्कंधक २६६-९७ ( ५ ) विशाखाको वर २८१ १. विहित चीवर और उनके भेद २६६ (६) वर्पशाटी आदिका विधान २८२ १. राजगृह (७) काया, चीवर और आसन आदिको (१) जीवक-चरित २६६ सँभालकर बैठना २८८ (२) नये वस्त्रके चीवरका विधान ०७४ १५. कुछ और वस्त्रोंका विधान और चीवरोंके (:) ओढ्नेकी अनुमति लिये नियम २८५ ( ४ ) कम्बलकी अनुमति (१) विछौनेकी चादर २८५ ५) छ प्रकारके चीवरका विधान (0) रोगीको कोपीन ( ६ ) नये चीवरकं साथ पांसुकूल भी २७५ (३) अंगोछा F२. संघवे कर्मचारियोंका चुनाव २७५ ( ४ ) पाँच बातोंसे युक्त व्यक्तिको (१) चीवरवा बँटवारा विश्वमनीय समझना २८६ (२) चीवर प्रतिग्राहकका चुनाव (५) जलयके आदिके लिये उपयोगी (:) चीवर-निदहकका चुनाव वस्त्र ( ४ ) भंडार निश्चित करना (६) वस्त्रोंमें कुछका सदा और कुछका (५) भंडारीका चुनाव वारी वारीने इस्तेमाल करना ( ६ ) जमा चीवरोंका बॉटना २७७ (७) चीवर-भाजकका चुनाव (७) वारीवाले चीवरकी लम्बाई चौळाई (८) चीवरको हल्का, नरम आदि करने (८) चीवर बांटनेका दंग का ढंग २८७ (९) भिक्षुओंगे श्रामणेरोंका हिस्सा (३०) बुरे चीदगेपर चिट्ठी डालना (.) कपळा कम होनेपर तीनों चीवरों २७७ को छिन्नक नहीं बनाना (३. जीवरकी रंगाई आदि २७७ (१०) अधिक वन्त्र माता-पिताको दिया (१) चीदर रंगने कंग (:)ग पकाना जा सकता है (११) एन. चीवग्ने गाँवमें नहीं जाना (:) गवर्तन ।। हीदर सुभानेवं नामान (१)चीवर्गमेने किमी एकको छोल, । माईका रंग ४. टीदरोंकी पटाई, संरया और मरम्मत २७९ (:. चीबरोंका देंटवारा २८८ ।।मानवता विधान मंघके लिये दियेचीदग्पर अधिवार ८८ । बामने भिन्न स्थानक चीवमें भाग नहीं २७ {। दो भानपर दर्यादाम कानेपर हिना आधाही आधा 11 " 1, " " 17 17 ७८ 11 बनेके कारण २८.