पृष्ठ:विनय पिटक.djvu/३६

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[२७ ] पृष्ठ (८) पानीके स्थान ४३२ (५) आसन, शय्या (६) व लिच्छवीके लिये पात्र हांकना ४३४ ३. सुंन्सुमारगिरि (७) वोधि राजकुमारका सत्कार (८) पाँबलेका निषेध ३३. घळा, झाळू, पंखा, छींका, छत्ता, दंड, नख-केश, कन-खोदनी अञ्जनदानी ४३७ ४. श्रावस्ती (व) अनुवाद-अधिकरण का गमन i. स्मृतिविनय ii. नत्पापीयमिक (ग) आपत्ति-अधिकरणका शमन (घ) कृत्य-अधिकरणका गमन -मुद्रकवस्तु-स्कंधक ४१८-१९ (१. स्नान, लेप, गीत, आम-खाना, सपंरक्षा, लिंगकाटना, पात्र-चीवर, थैली आदि ४१८ १. राजगृह ४१८ (१) ग्नान ४१८ (0) आभूषण (३) कंग, कंघी, दर्पण आदि (४) लेप, मालिग आदि (५) नाच-नमागा (६) गोकवे बग्त्र (:) आमग्याना (८) सर्पस पक्षा (1) लिग च्चोदन (20) पात्र (व.) पूर्वकथा (ख) नियम (१) घळा-झाळू (२) पंखा ८३८ (३) छत्ता (४) छीका-दंड (५) नव काटना (६) केग काटना (७) कन-पोदनी (८) नांवे कांनके बर्तन (निपिन्द) (५) अजनदानी (विहित) 6४ संघाटी, आयोगपट्ट, पुंडी, मुद्धी, कमरबंद, वस्त्र पहिननेका ढंग ४४२ (१) संघाटी (6) आयोगपट्ट (क) आयोग बननेका मामान " ४७ ८.५ " (१) आदि टिन-नीदर (२.) वहिनका पं.लाना (1) काटिनकी मिना (ग) रंगनानानी आदि ( 2 ) घडी-मड़ी (3) बन्न पहिन ढंग १५. दोज होना, दतदन, आग और पगुमे रक्षा ८४८ 1)

मारना

. ब-बचन अपनी नपा कांदना. सुटी दिवाका (C777-frer निम्न. लहसुश निषेध