पृष्ठ:विनय पिटक.djvu/३८

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[२९] . पृष्ठ (६) यवागू-भाजक (3) फल-भाजक (८) ग्वाघ-भाजक (१) अल्पमात्रक-विसर्जक (१०) माटिक-ग्रहापक (११) आगमिक-प्रेपक (१०) श्रामणेर-प्रेपक s--संघभेद-स्कंधक ४७७-९६ १. देवदत्तको प्रवज्या, ऋद्धि-प्राप्ति और सम्मान ४७७ १. अनुपिय १७७ (१) अनगढ़ आदिवे मात्र दवदनकी प्रवज्या (0) उपालि भी साथ ६. वोगाम्बा १८० (बटनी लाभ-गन्याय लिय चाह ८८. पृष्ठ (२) संघ-भेदकी व्याख्या (3) संघ-सामग्रीकी व्याख्या 737 ६४. नरकगामी, अ-चिकित्स्य व्यक्ति ४९४ (१) संघमें फूट डालनेका पाप ८९८ (3) कंमा संघमें फूट डालनेवाला नरक- गामी और अ-चिकित्स्य होता है और कैसा नहीं ८--ऋत-कंधक ४९७-५०८ F१ नवागन्तुक, आवासिक और गमिव कर्तव्य ४९७ १. श्रावस्ती ४६७ (१) नवागन्तुकके व्रत (कन्व्य ) (0) आवानिक व्रत ८९८ (1) गमिक बन (२ भोजन-सम्बंधी नियम ५०० ( १ ) भोजनका अनुमोदन (3) भोजनके समय नियम ३. भिक्षाचारी और आरण्यकके कर्तव्य ५०२ (१) भिक्षाचार्गकेत ५०० (0) आरण्यक बत (४. आसन, स्नानगृह और पाखानेके नियम ५०४ (१) दायनामन बत 10) जन्नापरवेदन (३) बचटी (=पान्याना ) के व्रत (४. शिष्य-उपाध्याय, अन्तेवामी-आचार्य के कर्तव्य ५०७ निव-वन (मामाय-बन ।। अवानी-दन (८) आना-न (--प्रानिमोनम्यापन कंधक ७०९-१८ १. किना प्रारिमोट स्थगित करना . जगह ६८० (८) देवदनी महन्तावा एन्छा (५) पांच प्रकारचे गुर (८) देवदनका प्रकागीय कर्म २. देवदतका विद्रोह ४८० (2) जातपत्रको बहकाकर पितागे Tag 9:77771 { मानवः लिये आदमीभंजना १८८ (चनका ..पर पत्थर मान्ना ( · । कागती पाग नही insti17:55 E arhia " in 1851 ET? महाराहा