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पृष्ठ:विनय पिटक.djvu/४२

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[३१] 1) 11 १. वैशाली पृष्ठ पृष्ठ उपसम्पदाकी कार्यवाही ५३३ (३) आनन्दकी कुछ और भूलें ५४५ (४) भोजनसे उठनेके नियम ५३४ ३. आयुष्मान् पुराणका संगीति-पाठकी (५) प्रवारणाके नियम पाबंदीसे इन्कार ५४५ (६) प्रतिनिधि भेज भिक्षुसंघमें प्रवारणा ४. उदयनको उपदेश, छन्नको ब्रह्मदंड ५४६ (७) उपोसथ स्थगित करना (१) उदयन और उसके रनिवासको उपदेश ५४६ (८) सवारीके नियम २. कौशाम्बी ५४६ (९) दूत भेजकर उपसम्पदा ६. अरण्यवास-निषेध, भिक्षुणी-विहार- (२) छन्नको ब्रह्मदंड ५४७ निर्माण, गभिणी प्राजिताकी सन्तान- १२--सप्तशतिका-स्कंधक ५४८-५८ का पालन, दंडिताको साथिन देना, 5 १. वैशालीमें विनय-विरुद्ध आचार ५४८ दुबारा उपसम्पदा, शौच-स्नान ५३७ ५४८ (१) अरण्यवासका निषेध (१) वैशालीमें पैसे-रुपये का चढ़ावा ५४८ (२) भिक्षुणी-विहार बनवाना ५३८ (२) पैसा न लेनेसे यशका प्रतिसारणीय कर्म (३) गर्भिणी प्रव्रजिता भिक्षुणीकी सन्तान- (३) यशका अपना पक्ष मजबूत करना ५४९ का पालन 5२. दोनों ओरसे पक्ष-संग्रह ५५१ (४) मानत्वचारिणीको साथिन देना (५) दुवारा उपसम्पदा २. कौशाम्बी ५५१ (९) पुरुषों द्वारा अभिवादन केगच्छेदन आदि (१) यशका अवन्ती-दक्षिणापथके भिक्षुओं (७) वैठनेके नियम और संभूत साणवासीको अपने पक्षमें (८) पाखानेके नियम करना ५५१ (९) स्नानके नियम ३. सहजाति ११-पंचशतिका-स्कंधक ५४१-४७ (२) रेवतको पक्षमें करना १. प्रथम संगीति ५५१ ५४१ (३) वैशालीके भिक्षुओंका भी प्रयत्न ५५३ १. राजगृह (४) उत्तरका वैशालीवालोंके पक्षमें होजाना (१) राजगृहमें संगीति करनेका ठहराव ५४२ (२) उपालिसे नियम पूछना (३) आनन्दमे मूत्र पूछना (५) सर्वकामीका यशके पक्षमें होना ५५४ 5२. निर्वाणके समय आनन्दको भूल ५४४ । ३. संगीतिकी-कार्यवाही ५५५ (१) छोटे छोटे भिक्षु-नियमोंका नाम न (१) उद्वाहिकाका चुनाव ५५५ पूछना (२) अजित आसन-विज्ञापक हुए (२) किसी भी भिक्षु-नियमको न छोळा जाय (३) संगीतिकी कार्यवाही " " 91 11 १. वैशाली 11