पृष्ठ:विनय पिटक.djvu/५८२

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0 ९९२।१] नियम-विरुद्ध प्रातिमोक्ष स्थगित करना [ ५१३ ४-"कौनसे चार ० अ-धार्मिक हैं ? 2--०१ । (४) निर्मूलक भ्रष्ट-आजीविकता (=जीव- यापनका जरिया भ्रष्ट होने) से ० । ० चार • धार्मिक हैं ?-~०१ । (४) समूलक भ्रष्ट-आजीविकता से ०।०19 ५-"कौनसे पाँच ० अ-धार्मिक हैं ?-~०९ । (५) निर्मूलक दुक्क ट(का दोष लगाने)- से ० १ ० पाँच ० धार्मिक हैं ? -०१ । (५) समूलक दुक्क ट से ० । । । 10 ६-"कौनसे छ ० अ-धार्मिक है? --(१) अमूलक (=निर्मूलक) (और) न की हुई शील- भ्रष्टतासे ० । (२) अमूलक, (किंतु) की हुई शील-भ्रष्टतासे । । (३) अमूलक (और) न की हुई आचार-भ्रष्टतासे० । (४) अमूलक (किन्तु)की हुई आचार-भ्रष्टतासे० । (५) अमूलक (और) न की हुई दृष्टि-भ्रष्टतासे० । (६) अमूलक (किन्तु) की हुई दृष्टि-भ्रष्टतासे० । कौनसे छ ० धार्मिक हैं ?-(१) समूलक (और) न की हुई शील भ्रष्टतासे० । (२) समूलक (किन्तु) की हुई शील- भ्रष्टताले०। (३) समूलक (और) न की हुई आचार-भ्रष्टनासे०। (४) समूलक (किंतु) की हुई आचार-भ्रष्टतासे । (५) समूलक (और) न की हुई दृष्टि-भ्रष्टतासे ० । (६) समूल (किंतु) की हुई दृष्टि-भ्रष्टनामे 0 1 0 II ७-"कौनसे सात० अ-धार्मिक हैं ?--(१) अमूलक पा रा जि क (के दोष) से ०। (२) अमूलक संघादिसेससे० । (३) अमूलक थुल्ल च्च य से०। (४) अमूलक पा चि त्ति य से०। (५) अमूलक प्रा ति दे श नी य से० । (६) अमूलक दुक्क ट से० । (७) अमूलक दुर्भा षि त से० । कौनसे सात ० धार्मिक हैं? ---(१) समूलक पाराजिकसे । ०। (७) समूलक दुर्भाषितसे ० ( ० 12 ८--"कौनसे आठ० अ-धार्मिक हैं ? ---(१) अमूलक, अकृत (=न की हुई) शील-भ्रष्टतासे० । (२) अमूलक, कृत (=की हुई) शील भ्रष्टतासे० । (३) अमूलक अकृत आचार-भ्रष्टतासे० । (४) अमूलक कृत आचार-भ्रष्टतासे०। (५) अमूलक अकृत दृष्टि भ्रष्टतासे० । (६) अमूलक कृत दृष्टि ऋष्टतान०। (७) अमूलक अकृत भ्रष्टाजीविकतासे। (८) अमूलक कृत भ्रष्टाजीविकतासे० । कौनसे आठ० धार्मिक हैं ?--(१) समूलक, अकृत शील-भ्रष्टतासे० । ०। (८) समूलक कृत भ्रष्टा- जीविकतासे० । 0113 ९-"कौनसे नौ० अधार्मिक हैं ?-(१) अमूलक अकृत शीलभ्रष्टतासे०। (२) अमूलक, कृत गील-भ्रप्टतासे० । (३) अमूलक, कृत-अकृत शील-भ्रष्टतासे०। (४) अमूलक, अकृत आचार- भ्रष्टतासे० । (५) अमूलक, कृत आचार-भ्रष्टतासे० । (६) अमूलक, कृत-अकृत आचार-भ्रष्टतासे० । (७) अमूलक, अकृत दृष्टि-भ्रष्टतामे० । (८) अमूलक, कृत दृष्टि-भप्टतासे० । (९) अमूलक, कृत- अवृत दृष्टि-भ्रष्टतामे० । ० । कौनमे नौ ० धार्मिक हैं ?--(१) समूलक, अकृत शील-भ्रष्टतासे०।०। (९) ममूलक, कृत-अकृत दृष्टि-भ्रष्टतासे० । । 14 १०-"कौनमे दस प्रातिमोक्ष-स्थगित करने अ-धार्मिक हैं ?-(१) न पाराजिक-दोपी उस परिपमें बैठा होता है; (२) न पाराजिककी बात वहाँ चलती होती है; (३) न (भिक्षु) शिक्षाका प्रत्याख्यान करनेवाला उम परिपद्में बैठा होता है; (४) न शिक्षाको प्रत्याख्यानकी बात वहाँ चलती होती है; (५) न धार्मिक (संघकी) सामग्री (एकता) में (वह भिक्षु) जाता है; (६) न धार्मिक नामग्रीका प्रत्यादान (=किये फैमलेका उलटाना) करता है; (७) न धार्मिक सामग्रीके प्रत्यादानकी बात वहां चलनी होती है; (८) न (उसकी) गील-भ्रष्टता देखी, मुनी या शंकित होती है; (९) न 'पहिलेको लेकर।