पृष्ठ:विनय पिटक.djvu/६३२

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७५ ७५ ८० " ८९ ९४ १-कथा-सूची (परिशिष्ट १) १-बुद्ध-जीवनी (क) बुद्धत्त्व प्राप्ति और बाद (ख) वाराणसीमें धर्मचक्रप्रवर्तन (ग) भद्रवर्गीयोंका संन्यास (घ) उरुवेलामें काश्यपबंधुओंकी प्रव्रज्या (ङ) गयासीसपर (च) बिम्बिसारकी दीक्षा २–सारिपुत्र और मौद्गल्यायनकी प्रव्रज्या ३-उपसेन भिक्षुको फटकार ४-मगधमें रोग और जीवक वैद्य ५--बिम्बिसारके सीमान्तमें विद्रोह ६-विम्बिसार द्वारा दी गई भिक्षु-संघके लिये रियायतें ७-उपालि आदि सप्तदशवर्गीय वालकोंकी प्रव्रज्या ८–वृद्धकी दक्षिणागिरिमें चारिका ९-राहुलकी प्रव्रज्या १०-महाकाश्यप और आनन्द ११-कुमारकाश्यपकी उपसम्पदा १२-उपोसथकी पूर्वकथा १३-महाकप्पिनकी उपोसथसे उदासीनता १४-आयुष्मान् महाकाश्यपका नदीमें गिर जाना १५-आयुग्मान् उपनन्दका प्रसेनजित्को वर्षावासके लिये वचन देना १६-मोण कोटिविंशकी प्रव्रज्या १७-पापी भिक्षुका वछळा मरवाना १८-मोण-कुटिकण्णकी प्रव्रज्या १५–पिलिन्द वच्छका राजगृहमें लेण वनवाना २०-सुप्रियाका अपना मांस देना २१-मुनीधा और वर्षकारका पाटलिग्राममें नगर-निर्माण २२-अम्वपाली गणिकाका निमन्त्रण २६-सिंह सेनापतिकी दीक्षा २४-मेंडक गृहपतिका दिव्य बल ५-रोजमल्लका सत्कार -जीवन-चरित -प्ठि-भार्याकी चिकित्सा ९८ १०८ ११५ ११६ ११७ ११८ १२० १२२ १३१, १३२ १३२ १३८ १४० १४३ १८२ १९९ २१० २११ २२३ २३१ २३८ २४१ २४२ २४७ २५२ २६८ ५५९