पृष्ठ:विनय पिटक.djvu/६३३

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[ ५६० ] २६९ २८१ ३२५ ३९५ ४५८ ८६३ ४७७ ८८३ २८-विम्बिसारको भगंदरका रोग २९—विशाखाको वर ३० -दीर्घायु जातक ३१-दर्भ मल्लपुत्रपर दोषारोपण ३२-अनाथपिडिककी दीक्षा ३३-तित्तिर जातक ३४-देवदत्तकी प्रव्रज्या ३५-देवदत्तका अजातशत्रुको बहकाकर पितासे विद्रोह कराना ३६–बुद्धके मारनेके लिये आदमी भेजना ३७–देवदत्तका वुद्धपर पत्थर फेंकना ३८--देवदत्तका बुद्धपर नालागिरि हाथीका छुळवाना ३९–देवदत्तका संघमें फूट डालना ४०-हाथी और गीदळकी कथा ४१-भिक्षुणी-संघकी स्थापना ४२–दूत भेजकर उपसम्पदा ४३–प्रथम संगीति ४४-द्वितीय संगीति ८८४ ४८६ ४८८ ४९१ ५४१ ५४८