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वेनिस का बांका
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कह रहे थे कि मैंने इन दिनों महाराज के स्वभाव में अधिकार लाभ किया है और उनके हृदय में यह बात बैठाल दी है कि तुम लोग मान्य पदों पर नियुक्त किये जाने के योग्य हो। काण्टेराइनो का अनुमान था कि कुनारी के पद पर मैं नियुक्त किया जाऊँगा, परोजी समझता था कि रोजाबिला मेरे हस्तगत होगी और जब वह दोनों कंटक लोमेलाइनो और मानफ़रोन निकल जायँगे तो उनमें से किसीका पद प्राप्त हो जायगा। अभिप्राय यह कि इसी प्रकार की बात चीत परस्पर हो रही थी कि घड़ियालीने बारह का गजर बजाया, द्वारका कपाट अकस्मात् खुल गया और अबिलाइनो उन लोगों के सामने आ कर विद्यमान हुआ॥

अविलाइनो―"सुरा दो! सुरा! मैं उनका नाश कर चुका लोमेलाइनो और मानफरोन जलचरों का न्योता करने गये।" इस शुभ समाचार को श्रवण कर सब उछल पड़े, और अबिलाइनो को आश्चर्य्य की दृष्टि से अवलोकन करने लगे॥

अबिलाइनो―"और मैंने महाराज को भी ऐसा डरा दिया है कि कदाचित् कठिनता से उनकी सुधि ठिकाने होगी। अब कहो तुम लोग मुझसे प्रसन्न हुए?"॥

परोजी―अब फ्लोडोआर्डो का वध करना चाहिये"॥

अबिलाइनो―(दांत पीसकर) "फ्लोडोआर्डो का, यह कोई साधारण बात नहीं है॥