फलीरी―परमेश्वर की शपथ है कि मैं एक एक को चुन कर मारूँगा।'
मिमो―'जी हाँ इस में क्या सन्देह है आप ऐसे ही तो अपने समय के भीम हैं। मैं कहता हूँ कहीं उलटे लेने के देने न पड़े।'
फलीरी―भाई यह बड़ा ही भीरु व्यक्ति है, जब पहले ही से आपके औसान नष्ट हुए जाते हें, तो संग्राम समय आप कब दृढ़ पदारोपण कर सकेंगे। बस ज्ञात हुआ कि ये निरे डेंगिये ही हैं, बातें अलबत्ता बढ़ बढ़ कर बनाना जानते हैं, पर अवसर पड़े लांगूल लपेट कर निकल भागने वाले ही जान पड़ते हैं। ऐसा ही प्राण का भय है तो चूड़ियाँ पहन कर घर में बैठो, हमलोग अपनी सी भुगत लेंगे, पर स्मरण किये रहो कि यदि हमारा प्रयत्न सफल हुआ, और उस समय तुम अपनी मुद्राओं को जो इस समय पर्य्यन्त दे चुके हो, माँगोगे, तो फूटी कौड़ी भी न देंगे।'
मिमो―'तुम व्यर्थ मुझको परुष और मर्म भेदी बातें सुनाते हो, मैं किसी दशा में बीरता अथवा पराक्रम में तुम से घट कर नहीं हूँ जी चाहे परीक्षा कर लो, आओ दो एक हाथ करबाल के चल जाँय, तुमने मुझे समझा क्या है, पर परमे- श्वर का धन्यवाद है कि मैं तुमारे समान उतावली करने वाला नहीं हूँ।
गाञ्जेगा―'अच्छा माना कि हमारी कामना जैसी चाहिये वैसी पूरी न हुई, तो इससे क्या जहाँ अंड्रियास मरे, फिर चाहे प्रजा जितना कोलाहल मचाये, हमलोगों का बाल बाँका न होगो क्यों कि पोप * हमारी सहायता पर हैं,।
- रोमन केथोलिक पथके ईसाइयों में पोपकी बड़ी पदवी है, उसे
सब लोग मानते हैं। पोप से अधिक कोई धार्मिक पद नहीं होता, ये लोग