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उपाध्याय जी की फुटकर छोटी बड़ी कविताओं का समावेश है। बाँकीपुर के खड्ग विलास प्रेस ने इनकी बहुत सी पुस्तकें प्रकाशित की हैं जिनमें कुछ का उल्लेख हो चुका है और अन्य के नाम रसिक रहस्य, उद्बोधन, प्रेम पुष्पोपहार, चरितावली, कृष्णकांत का दानपत्र, काव्योपवन, अंकगणित, नीति निबंध और बोलचाल हैं।
स्थानाभाव के कारण इन सब ग्रन्थों पर विशेष प्रकाश नहीं डाला जा सकता, नहीं तो इनके गुण आदि की विवेचना करने में एक छोटा सा ग्रन्थ ही तैयार किया जा सकता है।
आपने दो पुस्तकें रसकलस तथा प्रद्युम्न-पराक्रम और भी लिखी हैं जो अभी तक अप्रकाशित हैं।
ब्रजरत्न दास।
नोट-उपाध्याय जी की लिखी हुई उपर्युक्त सभी पुस्तकें इस पुस्तक के प्रकाशक से मिल सकती हैं।