पृष्ठ:वेनिस का बाँका.djvu/१७०

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
१५३
चतुर्विंश परिच्छेद
 

वेश बदल कर उन लोगों की समज्यावों में प्रविष्ट हुआ, जिन्हों ने लोगों के वध कराने की वृत्ति ग्रहण की थी, आप लोगों के निमित्त मैंने सर्दगर्भ सब कुछ सहन किया, आपकी अहर्निशि रक्षा करता रहा, और वेनिस अथच उस के निवासियों को वि नष्ट होने से बचाया, और इस बड़ी सेवा सम्पादन करने पर भी मैं किसी पुरस्कार के योग्य न निश्चित किया गया। यह सब दुःख, क्लेश और संताप मैंने केवल रोजाबिला के लिये उठाया है फिर भी आप प्रतिज्ञा करके उस से फिरे जाते हैं। मैंने आप लोगों को मृत्यु के कर से छुड़ाया, आपकी स्त्रियों के पातिव्रत धर्म्म का संरक्षण किया, और आपके बालकों की रक्षा की इस पर भी आप मेरा शिर खण्डन किया चाहते हैं। तनिक इस तालिका को अवलोकन कीजिये और देखिये कि आप लोगों में से आज कितनों के प्राण का अपहरण होता, यदि अविलाइनो ने रोक न की होती। यह आप के सम्मुख अपराधी विद्यमान हैं जिन्हों ने आप के नाश करने का प्रयत्न किया था। प्रत्येक के मुख को नहीं देखते कि कैसी फिटकार बरस रही है। कोई भी अपने को निष्कलंक सिद्ध करने के लिये जिह्वा हिलाता है। कोई भी इस लांछन के असत्य प्रमाणित करने की चेष्टा करता है। परन्तु इसके अतिरिक्त मुझसे और प्रमाण लीजिये,। यह कहकर वह अपराधियों की ओर प्रवृत्त हुआ 'सुनो तुम लोगों में से जो व्यक्ति सत्य और तथ्यवचन कथन करेगा वह अवश्यमेव मुक्त हो जायगा। मैं शपथ करके कहता हूँ, मैं अवि- लाइनों बाँका,। यह सुन कर वह लोग चुप रहे परन्तु कुछ घड़ी बाद अकस्मात मिमो महाराज के चरणों पर गिर पड़ा और कहने लगा कि जो कुछ अबिलाइनों ने कथन किया है सत्य है'॥

परोजी प्रभृति―(असत्य है सर्बथा असत्य है'॥

अबिलाइनों―(भर्त्सना पूर्वक) चुप रहो, स्मरण रक्खो