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वेनिस का बांका
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सामने उपस्थित हैं। चाहो तुम भी छठे बन जाओ, इसकी चिन्ता न करना कि तुमको कार्य न मिलेगा। मेरा नाम माटियो है और मैं इस समूह का अधिपति हूँ। इस व्यायाम निपुण पट्ठे का नाम जिसकी लाल लाल अलके ऐसी बात होती हैं कि मानों रुधिराक्क हैं बलुज्जो है। वह जिस की आंखें बजरबट्ट की सी हैं टामेसो है, उसे भी डाकुओं का चचा समझना। यह महाशय जिनकी हड्डियां आज तुमने ढीली कर दी पोट्रेनो है और वह जो पहाड़ सा डील लिये सिन्थिया के पास खड़े हैं ष्टजा हैं। अच्छा अब तुम सबको जान गये, मुद्रा के नाम तुम्हारे पास एक फूटी कौड़ी भी नहीं है, इस लिये हम लोग तुम्हें अपने दल में भरती कर सकते हैं। इस नियम के साथ कि तुमारे हृदय में किसी प्रकार का कपट न हो। इस पर अविलाइनों ने दाँत निकाल कर कहा 'मेरी भूख की अधिकता से बुरी गति है।

माटियो-अबे पहले मेरी बात का उत्तर तो दे कि तेरे हृदय में कुछ कपट अथवा छल तो नहीं है ?

अविलाइनों काम पड़ने पर आप ज्ञात हो जावेगा।

माटियो-चेत रखना वचा कि यदि तुम्हारी ओर से थोड़ी भी आशंका हुई तो तुम्हारे जीवन पर आ बनेगी चाहे महाराज के प्राकार में अथवो कठिन दुर्गमें शरण ग्रहण करो और सहस्रों सिपाहियों के बीच में रहो। अथवा स्वयं महाराज के उत्संग मे क्यों न जा छिपो, सैकड़ों तोपें लगी हो, परन्तु हमलोग तुमको बिना हनन किये न छोड़ेगे।[१] चाहे तुम


  1. ईसाइयों में यह रीति थी कि यदि किसी को कोई मनुष्य पकड़ना चाहता हो और वह गिर्जा में जाकर शरण ले तो वहां उसको कोई पकड़ने के लिये नहीं जाता था और समझता था कि वह ईश्वर की शरण में है॥