पृष्ठ:वेनिस का बाँका.djvu/३०

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तीसरा परिच्छेद
 


ने कहा "देखें बचा तुम्हारा स्वरूप कैसा है" और आलेपर से दीपक उठा कर उसके भयंकर सुख के सामने किया। सिंथि- या देखतेही चिल्ला उठी" परमेश्वर रक्षा करे, ऐ है मूंडीकाटे का कैसा भयावना स्वरूप है"। यह कह कर उसने अपना मुख दोनों हाथों से छिपा लिया और दूर हट गई। अविलाइनो ने उसकी ओर क्रोधपूरित दृष्टि से देख कर आंखें फेर लीं। डाकुओं में से एकने कहा “बचा विधाता ने तुम्हें अपने कर-कमलों से डाकू का काम करने के लिये बनाया है, ईश्वर की शपथ है यह ज्ञात होता है कि कोई निशाचर मनुष्य के कलेवर में आ घुसा है। मुझे तो यही आश्चर्य है कि आज तक तुम फांसी से क्यों कर बचे। भई सच कहना किस कारागार से हल मुक्त हो निकल भागे हो, अथवा किस सामुद्रिक पोत[१]से भोज्यवस्तु बांध कर पलायित हुये हो?" इसके उत्तर में विलाइनो डपट कर ऐले स्वर,से बोला कि वह लोग थर्रा उठे" यदि मैं ऐसा ही हूं जैसा कि तुम कहते हो तो फिर क्या पूछना है जब विधाता ही ने मुझे इस गाँव का बनाया है तो फिर मैं जो चाहूंसो करू इस में मेरा क्या अपराध।"

पाँचों डाकू दूर जाकर कुछ परामर्श करने लगे और अविलाइनों अपने स्थान पर निश्चिंतता के साथ मौनावलम्बन किये बैठा रहा। एकक्षण के उपरांत वे सब फिर अविलाइनों के समीप आये और उनमें से एक, जिसका मुख अत्यन्त रूखा था और जो सबसे अधिक बलवान ज्ञात होता था, भागे बढ़ा और अविलाइनों को सम्बोधन करके यों कहने लगा “सुनो मित्र वेनिस में केवल पांच डाकू हैं और वे सब तुम्हारे


  1. अगले समय में यूरप में बड़े २ और कठिन अपराधों का दंड फांसी के सिवाय यह दिवा जात था कि अपराधी से किसी नियत समय तक पोतों पर कर्णधार (खलासी) ला काम लिया जाना था।