पृष्ठ:वेनिस का बाँका.djvu/३४

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तीसरा परिच्छेद
 


शक्ति तोल ली। सव डाकू अट्टहास शब्द करके हँसने लगे। अविलाइनों ने चिल्ला कर कहा "अब मेरी परीक्षा करो, तुमलोग सामने क्यों नहीं पाते?"।

माटियो-मित्र! मेरी बात मान, पहले मेरे साथ एक पकड़ लड़ ले तो तुझे ज्ञात होजायगा कि कैसों से पाला पड़ा है क्या हम लोगों को दूध पीता बच्चा समझता है या बाबू भैया मान लिया है?॥

अबिलाइनो यह सुन कर हँस पड़ा, जिससे माटियो खिसियाकर क्रोधके मारे आपे से बाहर हो गया। उसके सहकारियों ने कोलाहल करना और ताली बजाना प्रारम्भ किया।

अविलाइनो बोला "ले पाओ एक पकड़ हो जाय, मेरा चित्त भी इस समय ठीक है, ले आप आप को सँभल कर बड़े हो जाओ'। यह कह कर उसने अपने बलको तौल कर बात की बात में माटियो के से वीरपुरुष को बच्चे के समान शिरके बल उठाकर दे मारा, ष्ट्रजा को दाहिनी ओर और पीट्रैनो को बाई ओर ढकेल दिया, टामेसो को पैर ऊपर शिर नीचे कर के दूर परिसर में फेंक दिया और बलुज्ज़ो को बेदम करके पास की तिपाइयों पर लिटा दिया। पांच पल के उपरांत पांचो डाकुओं की मूर्छा दूर हुई और चित्त ठिकाने हुआ, अबिलाइनो ने आनन्द में मग्न होकर एक भीमनाद किया और सिन्थिया इस शक्ति को अवलोकन कर टकटकी बांधे खड़ी कांपने लगी। निदान माटियो अपना शरीर झाड़ता हुआ उठा और कहने लगा “ईश्वर की शपथ है कि यह अद्भुत व्यक्ति हम लोगों का गुरु है, सिन्थिया! देख! सबसे अच्छा आयतन जो है उसमें इसे ठहरायो”। टामेसो अपनी उतरी हुई कलाई बैठाता और कहता जाता था "निस्सन्देह यह व्यक्ति पौरुष में प्रेतों और राक्षसों का समकक्ष है" फिर