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पृष्ठ:वेनिस का बाँका.djvu/५७

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वेनिस का बांका
३८
 

समान पराक्रमशाली और लोमड़ी सदृश कूटनीतिक है।

फलीरी―"राम! राम!! आप का कहाँ ध्यान है, यदि उसके तीनों सुचतुर मन्त्रप्रदाता न हों तो उसका एक कार्य भी ठीक न उतरे। परमेश्वर की मार उनके शिर पर, यदि पेलोमान फ्रोन, कोनारी और लोमेलाइनो उससे पृथक कर लिये जायँ तो उसकी वही दशा होगी जो उस अल्पज्ञ छात्र की होती है जो कि परीक्षा देने के समय अपना पाठ भूल गया हो"॥

परोजी―"फलीरी सच कहते हैं"।

मिमो―निस्सन्देह! निस्सन्देह!!"।

फलीरी―"इस पर विशेषता यह कि अन्ड्रियास अब ऐसा मदान्ध हो गया है जैसा वह दरिद्र जन होता है, जिसके हाथ कहीं से दैवात् धन लग गया हो और जो पहले पहल बहु मूल्य परिच्छद धारण करके निकला हो। वास्तव में आजकल उसका अभिमान मित से अधिक हो गया है, देखते नहीं कि प्रतिदिन वह अपने कितने चाकर और सहचर बढ़ाता जाता है।"

मिमो―"यह तो प्रगट ही है"।

कान्टेराइनो―"इसके अतिरिक्त अपना प्रताप कितना फैला रहा है। वेनिस में श्रेष्ठ कुलजात, उच्चपदस्थ, जितने राजकीय चर हैं, सब, जिस नाच वह नचातो है नाचते हैं और उसकी इच्छा और आज्ञा के अनुसार ऐसा चलते हैं जैसे दारुयोषित सूत्रधार के संकेतानुसार कार्य्य करता है"!

परोजी―"और फिर भी उस को सब लोग देवता समान मानते हैं"।

मिमो―"बस यही तो चमत्कार है"।

फलीरी―"परन्तु यदि अति शीघ्र उसके ए सम्पूर्ण घमण्ड किरकिरी न हो जावें तो फिर मेरी बात का विश्वास न करना।"