असम्भव है पर इसके लिये प्रयत्न करना कितनी बड़ी बात है। इसके अतिरिक्त और नहीं तो ऐसे विचारों से कुछ देर तक मेरा हृदय आनन्दित हो जाया करेगा, और (ऊँची साँसे भरकर) प्रकट है कि यदि मुझ मन्दभाग्य का जी थोड़ी देर के लिये भी बहल जाय तो बहुत उत्तम है। हाय! यदि संसार जानता होता कि मैं किन कार्य्यो को प्रसन्नता से करना चाहता हूँ तो वह निस्सन्देह मुझ पर दयालु होता और मेरा सत्कार करता।" इस बीच सिन्थिया पलट आयी और उसके पीछे चारों डाकू जमुहाइयाँ लेते बड़बड़ाते और नींद में उन्मत्त से झूमते आये।
अविलाइनो―"आवो आवो मित्रो! शीघ्र अपने अपने चित्त को ठिकाने करो।" इसके पहले कि मैं तुमसे कुछ कहूँ यह ठीक करलो कि तुम जाग्रत् अवस्था में हो क्योंकि जो कुछ मैं कहनेवाला हूँ वह एक ऐसी अद्भुत वार्त्ता है कि तुम्हें स्वप्न में भी उसका शीघ्र विश्वास न होगा।
यह सुनकर उन लोगों ने असन्तोष और लापरवाही के साथ उसकी बात सुनने के लिये ध्यान दिया और कहा "क्यों मित्र क्या बात है" टामिसोने लेटकर कहा।
अबिलाइनो―केवल इतना ही कि हमारे धर्मात्मा, सच्चे, और वीर माटियो को किसी ने मारडाला।
"ऐं! मार डाला? प्रत्येक पुरुष कह उठा और इस श्रुति कटु समाचार लाने वाले को डरकर देखने लगा। सिन्थिया चिल्ला उठी और छाती पीट कर निस्तब्ध और मूर्छित हो चौकी पर बैठ गयी। कुछ काल पर्य्यत सब लोग चुप रहे अन्त को टामिसो ने फिर पूछा 'मार डाला? किसने?"
बालजर―"कहाँ?"
पेट्राइनो―"क्या आज मध्यान्ह समय?"