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पृष्ठ:वेनिस का बाँका.djvu/९३

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द्वादश परिच्छेद
 

परन्तु जिस समय से उस अद्भुत् व्यक्तिने पुलीसवालों को साथ लेकर अत्यन्त वीरता से डाकुओं को स्वयं उनके भवन में जाकर पकड़ा वह पुरुषों की दृष्टि में भी समा गया था, वे लोग एक ऐसे भयङ्कर कृत्य में उसकी वीरता और दृढ़ता को देखकर अत्यन्त प्रसन्न थे और अधिकतर उनको उसकी इस पहुँच पर आश्चर्य्य था कि उसने डाकुओं का निवासस्थान जिसका अनुसन्धान और पता पुलीस को भी न लगा था जानलिया था। भूप अण्ड्रिआस भी उसका सामीप्य प्रतिदिन बढ़ाते और उस को अपनी प्रकृति में आधिकार देते जाते थे। जितनाही वे उससे समालाप करते उतनाही वह उनकी दृष्टि में अधिक जँचता जाता। निदान महाराज ने फ्लोडोआर्डो के लिये एक योग्य पुरस्कार उस राजकीय उपकार के बदले में निर्धारण किया जिसको वर्तमान काल में उसने कर दिखलाया था। इसके अतिरिक्त उन्होंने उसको राज्य के एक माननीय और उच्च पद पर भी नियुक्त करना चाहा, परन्तु फ्लोडो ने दोनों बातों के स्वीकार करने में अरुचि प्रगट की और कहा अभी वर्ष भर मैं वेनिस में स्वतन्त्र और स्वच्छन्द रहना चाहता हूँ इसके उपरान्त मैं स्वयं आप से किसी एक ऐसे कार्य्य के लिये प्रार्थी हूँगा जो मेरी योग्यता के अनुकूल होगा।

फ्लोडोआर्डो निज प्रतिपालक लोमेलाइनो के गगनस्पर्शी- भवनों में रहता लोगों से बहुत कम मिलता अपना समय अधिकतर ग्रन्थावलोकन में व्यतीत करता प्रायः दिन दिन भर अपने कमरे से पांव बाहर न निकालता और सिवाय बड़े बड़े अफसरों से मिलने के किसी उत्सव और समारोह में भी सम्मिलित न होता था। उसकी यह अवस्था महाराज, लोमेलाइनो, मानफ्रोन और कुनारी से छिपी न रह सकती थी। ये वे लोग थे जिन्होंने अपनी योग्यता और बुद्धिमत्ता के