मेरा अन्वेषण करें मैं उन्हें प्रत्येक स्थल पर मिलूँगा, परन्तु जो लोग मुझे पकड़ने के अभिप्राय से अन्वेषण करेंगे उन्हें निराश होना और डरना चाहिये क्योंकि मैं उनको कहीं न मिलूँगा पर वे मुझसे चाहे कैसे ही स्थान पर क्यों न हों बच न सकेंगे। तुमलोग मेरा अभिप्राय भलीभांति समझ लो और जानलो कि जिसने मेरे पकड़ने का प्रयत्न किया उसका अभाग्योदय हुआ क्योंकि उसका जीवन और मरण मेरे हाथ में है। आप लोगों का सेवक अबिलाइनो बांका"।
ज्यों ही नृपति महाशयने इस विज्ञापन को पठन किया क्रोध की अधिकता से जल भुनकर भस्म हो गये। और आज्ञा दी कि जो पुरुष इस दुष्टात्मा अविलाइनो का पता लगायेगा उसको शत स्वर्ण मुद्रायें और जो उसको पकड़ेगा उसको सहस्र स्वर्ण- मुद्रायें पारितोषिक दूँगा।
यद्यपि स्वर्णमुद्राओं के लोभ में गुप्तचरोंने एक एक कोना खतरा छान डाला पर किसी को अविलाइनो का चिन्ह पर्य्यन्त हस्तगत न हुआ। उनके अतिरिक्त और बहुत से विषयी, लोभी और बुभुक्षित लोगों ने भी इसी आशा में शतशः प्रयत्न और बहुतेरी युक्तियाँ निकालीं परन्तु अबिलाइनो की पटुता के सामने किसी की एक भी न चली। प्रत्येक व्यक्ति कहता था, कि मैंने अविलाइनो को अमुक बेश में अमुक समय देखा है परन्तु कोई यह न कह सकता था कि दूसरे समय वह कहाँ और किस रूप में दिखलाई देगा।